इस सीजन किसानों को कीटनाशक दवा पर मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी, यहां करें आवेदन

The Chopal: देश में खरीफ फसलों की बुवाई का समय चल रहा है। कई राज्यों में खरीफ फसलों की बुवाई (खरीफ फसलों के बीज बोना) लगभग पूरी होने वाली है। इस दौरान, मानसून के शुरुआती दिनों में बोई गई खरीफ सीज़न की फसल में फड़का रोग लगने की संभावना जताई जा रही है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने कृषि विभाग को सतर्क रहकर पहले से ही कीट नियंत्रण के लिए तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही, सरकार ने किसानों को कीटनाशक खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान करने का भी निर्णय लिया है ताकि समय पर इस कीट का नियंत्रण किया जा सके और फसल को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को कीटनाशक खरीदने के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। किसानों को कीटनाशक दवा आधे दाम पर मिलेगी।
कृषि मंत्री ने दिए कृषि विभाग को निर्देश
खरीफ फसलों में फड़का रोग के प्रकोप की संभावना को देखते हुए राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने समय रहते इसे नियंत्रित करने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को कीटनाशक से बचाव के लिए सतर्क रहना चाहिए और पहले से ही तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग को इस कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए नियमित रूप से सर्वेक्षण करना चाहिए और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करनी चाहिए ताकि खरीफ फसलों को फड़का रोग से बचाया जा सके। वहीं, किसान भी अपने खेत में फड़का नियंत्रण के लिए तैयारी रखें।
कीटनाशक खरीदने के लिए मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी
उन्होंने बताया कि किसानों को पौध संरक्षण रसायन के उपयोग (कीटनाशक) खरीदने पर उसकी लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। किसानों को पौध संरक्षण रसायन के उपयोग लेने पर उसकी लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 500 रुपए प्रति हेक्टेयर (इनमें से जो भी कम हो) दिया जाएगा। किसान अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। किसानों को सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में दी जाएगी।
किन फसलों में अधिक लगता है फड़का रोग
फड़का रोग, फड़का कीट की वजह से खरीफ फसलों में ज्यादा प्रचलित होता है। यह कीट मुख्य रूप से बाजरा और ज्वार की फसल को नुकसान पहुंचाता है। यह फसलों के लिए बहुत ही खतरनाक कीट होता है। यदि समय पर इसका नियंत्रण नहीं किया जाता है, तो पूरी फसल को नुकसान हो जाता है। इसलिए, हमें समय पर इसके नियंत्रण के उपाय करके इससे होने वाले नुकसान से बचना चाहिए।
मानसून की बारिश में अधिक होता है फड़का रोग का प्रकोप
फड़का रोग का प्रकोप मानसून सीजन यानी बरसात के दौरान अधिक होता है। इसकी शुरुआत मानसून की पहली बारिश के 15-20 दिन बाद होती है। इसके निम्फ प्रोड फसलों की पत्तियों और फूलों को खाकर पूरी फसल को नष्ट कर सकते हैं। इसलिए इस कीट का प्रारंभिक अवस्था यानी शिशु अवस्था में ही नियंत्रण करना जरूरी होता है। वर्तमान समय में यह कीट शिशु अवस्था में जयपुर, सीकर और झुंझुनूं जिलों में पहाड़ी क्षेत्रों के आसपास के खेतों में दिखाई दिया गया है।
कीट का अधिक प्रकोप होने पर किसान करें इन कीटनाशक का उपयोग
फसल पर फड़का कीट का अत्यधिक प्रकोप होने पर उसके नियंत्रण के लिए किसानों को इन कीटनाशक का उपयोग करने का सुझाव दिया जा रहा है। किसान इन कीटनाशकों का उपयोग करके फसल को फड़का कीट से बचा सकते हैं। किसान ध्यान रहें कि वे सरकारी मान्यता प्राप्त कीटनाशक ही उपयोग करें और उनकी संख्या को लागू करें। उन्हें सही रूप से इस्तेमाल करने के लिए उन्हें कृषि विभाग के तकनीशियनों से संपर्क कर सकते हैं।
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