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हरियाणा में बारिश से कपास की फसलों में नुकसान, पिछले साल के मुकाबले घटेगा उत्पादन

Cotton Cultivation : बल्लभगढ़ के प्याले गांव में किसानों द्वारा कपास की खेती पिछले काफी वर्षों से किसानों द्वारा की जा रही है। लेकिन इस बार हालत काफी अलग है। पिछले दस साल से कपास की खेती कर रहे 55 वर्षीय किसान शिव सिंह ने बताया कि इस साल की फसल में बहुत नुकसान हुआ है।
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हरियाणा में बारिश से कपास की फसलों में नुकसान, पिछले साल के मुकाबले घटेगा उत्पादन

Haryana News : बल्लभगढ़ के प्याले गांव में किसानों की आजीविका कपास की खेती पर निर्भर करती है। कपास की खेती पिछले काफी वर्षों से किसानों द्वारा की जा रही है। लेकिन इस बार हालत काफी अलग है। पिछले दस साल से कपास की खेती कर रहे 55 वर्षीय किसान शिव सिंह ने बताया कि इस साल की फसल में बहुत नुकसान हुआ है।

किसान शिव सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि वे पिछले 10 वर्षों से कपास की खेती कर रहे हैं। कपास की बुवाई मशीनरी द्वारा ही की जाती है। एक बीज थैली लगभग 800 रुपये की आती है। अप्रैल से मई तक कपास की बुवाई होती है, और यह फसल अक्टूबर तक खेतों में रहती है। यदि बारिश सही समय पर होती है तो सिंचाई की आवश्यकता कम होती है, अगर नहीं होती तो सिर्फ एक या दो बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है।

पिछले वर्ष हुआ, 80 फीसदी का मुनाफा

शिव सिंह ने कहा कि कपास की खेती से पिछले वर्ष 80 फीसदी तक मुनाफा हुआ था। पिछले साल पांच बीघा कपास की खेती की गई थी। जिसका भाव अच्छा मिला था। लेकिन इस साल लगातार बारिश ने कपास की फसल को बर्बाद कर दिया। शिव सिंह के मुताबिक इस बार उन्हें कपास की खेती में 80 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। खराब फसल की वजह से उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहे हैं।

किसानों को घर चलाने में आ रही, परेशानी

किसान शिव सिंह ने बताया कि पूरे परिवार की आजीविका खेती के माध्यम से पूरी होती है। वे अपने घर और बच्चों की पढ़ाई का खर्च खेती से ही निकालते हैं। इस वर्ष हुए नुकसान से घर चलाना और बच्चों की पढ़ाई बहुत मुश्किल हो गया है। शिव सिंह के मुताबिक खेती के खर्चों में 20 प्रतिशत मुनाफा भी चला जाएगा, जिससे उनके पास कुछ भी नहीं बचेगा।

किसानों ने सरकार से की अपील

सरकार से अपील करते हुए किसान शिव सिंह ने कहा कि वे कृषि क्षेत्र से जुड़े किसानों की सहायता करें ताकि उनकी समस्याएं हल की जा सकें। उनका एकमात्र साधन खेती है, और जब फसल खराब होती है तो उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। किसान शिव सिंह ने मीडिया के माध्यम से अपनी समस्याओं को साझा किया, ताकि सरकार और समाज उनकी मदद कर सकें।

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