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धान में ज्यादा पानी भरने से पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंचेगी ऑक्सीजन, भूलकर भी ना करें ऐसा

Paddy Crop :देश में फिलहाल खरीफ फसलों का सीजन चल रहा है, ऐसे धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है। धान की रोपाई करने के लिए जून, जुलाई महीना अच्छा माना जाता है। क्योंकि धान की खेती में पानी की आवश्यकता ज्यादा होती है। और इन महीनो में मानसूनी बरसात शुरू हो जाती है। वैसे तो धान की फसल की बढ़ोतरी के लिए पानी भरना जरूरी है। परंतु एक्सपर्ट के अनुसार जरूर से ज्यादा पानी बढ़ने पर आ सकती है उत्पादन में गिरावट। आईये एक्सपर्ट से धान में सही पानी भरने की जानकारी लेते हैं।

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धान में ज्यादा पानी भरने से पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंचेगी ऑक्सीजन, भूलकर भी ना करें ऐसा

Water In Paddy Crop : धान एक ऐसी फसल है जिसको काफी पानी की जरूरत होती है। इस खेती की देखभाल समय-समय पर करनी पड़ती है। हालांकि कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक धान के खेतों में पानी का लेवल सही बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिकों का कहना है कि खेत में ज्यादा पानी भरने की वजह से पौधों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जिस वजह से पौधे कमजोर होकर नष्ट हो सकते हैं। इसके अलावा मिट्टी में भी इसका गहरा असर पड़ता है। जमीन में जरूरी पोषक तत्वों का संरक्षण होता है। जिस वजह से फसल का उत्पादन तथा गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ता है।

साथ ही उन्होंने बताया कि जरूर से ज्यादा पानी भरने की वजह से पौधे की जड़े गलने लगती है। जिस वजह से पौधे की वृद्धि रुक जाती है, और पत्ते पीले पड़ कर पौधा नष्ट हो जाता है। यदि खेत में पानी का लेवल अधिक बढ़ जाता है तो मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी आ जाती है, तथा मिट्टी कठोर हो जाती है, और पौधे की जड़े विकास नहीं कर पाती है।

कितने सेंटीमीटर तक खड़ा रखें पानी

एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार पानी का लेवल सही ढंग से बनाए रखना बेहद जरूरी है। वैज्ञानिकों ने बताया की धान के खेत में पानी का लेवल 5 सेंटीमीटर तक रखना चाहिए। इससे पौधे को आवश्यक नमी मिलेगी और जड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सकेगी। कुछ दिन पानी भरा रखने के बाद बीच में एक बार खेत को सुख छोड़ना भी जरूरी है। क्योंकि ऐसा करने पर मिट्टी में ऑक्सीजन की मात्रा बनी रहती है। जिससे पौधों की जड़ों का विकास बेहतर होता रहता है। ऐसा करने पर फसल के उत्पादन तथा गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

पानी निकलने का उचित प्रबंध

धान के खेत से पानी निकालने का उचित प्रबंध होना जरूरी है। अगर फसल में का ठहराव अधिक होता है तो नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अगर खेत में सिंचाई कर रहे हैं तो ध्यान रखें की मिट्टी में नमी की स्थिति क्या है। ऐसा करने पर किसानों को पानी की भी बचत होती है तथा फसल की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है।