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बिहार में किसानों को कितना मिल रहा धान का भाव, 12 दिनों में 230 टन खरीद

Paddy Price : विभाग ने बुधवार तक लगभग बारह दिन बाद 230.67 एमटी धान खरीदा है। सहकारिता विभाग के अधिकारी खरीदारी की निरंतर निगरानी कर रहे हैं।
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बिहार में किसानों को कितना मिल रहा धान का भाव, 12 दिनों में 230 टन खरीद

Bihar News : बिहार में पैक्स चुनाव के दौरान सहकारी समितियां भी किसानों से धान खरीद कर रही है। इस वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी पिछले वर्ष की तुलना में 117 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा है। किसान कटाई के साथ बिक्री में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 15 नवंबर से सरकारी खरीद की शुरुआत होगी।

विभाग ने बुधवार तक लगभग बारह दिन बाद 230.67 एमटी धान खरीदा है। सहकारिता विभाग के अधिकारी खरीदारी की निरंतर निगरानी कर रहे हैं।

धान की कीमत (Paddy Rate)

  • धान खरीदने के लिए इस साल सरकार ने एमएसपी सामान्य का 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए का 2320 रुपये निर्धारित किया है।
  • पिछले वर्ष सामान्य धान 2183 रुपये था, जबकि ग्रेड ए 2204 रुपये था।
  • वर्तमान में ग्रेड ए धान का मूल्य 2350 से अधिक हो गया है, और सामान्य धान का मूल्य 2100 से 2150 रुपये है।
  • व्यापारी अपने संसाधनों और कर्मचारियों के माध्यम से खेत और खलिहान से धान खरीद रहे हैं।
  • व्यापारी के हाथों धान बेचने में किसानों को कोई श्रम या धन खर्च नहीं करना पड़ता है, जबकि सहकारी समितियों में बिक्री में कई समस्याएं होती हैं।
  • पहले अपनी बोरी में मजदूरों के सहारे भरकर वाहनों से बिक्री केंद्र पर ले जाना पड़ता है।
  • इसमें कई अतिरिक्त खर्च शामिल हैं।
  • इससे बचने के लिए किसानों को धान की बिक्री करनी पड़ती है। वर्तमान में जिले में धान खरीद का आंकड़ा बहुत कम है।

इतनी हुई, धान की खरीद

बुधवार की शाम तक, 32 किसानों से 126 पैक्स और सात व्यापार मंडल में मात्र 230.67 टन धान खरीदा गया है। गति अब स्थिर है धान की कटनी: अब जिले में धान की कटनी आम है। धान की कटनी अधिकांश क्षेत्रों में 15 से 20 दिसंबर तक पूरी होने की उम्मीद है।

जनवरी तक जारी रह सकती है, धान की कटनी

नहरों से जुड़े निचले क्षेत्रों में धान की कटनी जनवरी तक जारी रह सकती है। MSP पर धान की नमी 17 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। धान जो अभी कटकर आ रहा है, उसे अधिक नमी मिल रही है। हार्वेस्टर से काटे गए धान में नमी कम होने में अधिक समय लगता है, जबकि हाथ से काटे गए धान में नमी जल्दी कम होती है।