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वैज्ञानिकों ने 11 साल में तैयार की सरसों की नई किस्म, नवंबर के अंत तक किसान कर सकेंगे बुआई

वैज्ञानिकों द्वारा सरसों की एक नई प्रजाति तैयार की गई है. जिसकी किसान नवंबर के अंतिम सप्ताह तक बुआई कर सकेंगे. उसे समय तक कीटों का खतरा भी कम हो जाता है.
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वैज्ञानिकों ने 11 साल में तैयार की सरसों की नई किस्म, नवंबर के अंत तक किसान कर सकेंगे बुआई

New Variety of Mustard: हर साल देश में सरसों की बुवाई को लेकर किसानों को यह चिंता रहती है कि अगर समय पर बुवाई ना कर पाए तो उनको घाटा हो सकता है. परंतु अब इस समस्या का समाधान वैज्ञानिकों नें ढूंढ लिया है. सरसों की एक ऐसी प्रजाति 'गोवर्धन' तैयार की गई है जिसका किसान नवंबर के आखिरी सप्ताह तक बुवाई कर पाएंगे. चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि ( सीएसए विवि ) के कृषि वैज्ञानिकों ने लगातार 11 सालों तक शोध करने के बाद सरसों की इस प्रजाति को तैयार किया है. इस प्रजाति को तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों ने किसानों की छोटी-छोटी समस्याओं को ध्यान में रखा है. सीएसए वैज्ञानिकों ने बताया कि देश के गन्ना किसान भी इस प्रजाति का लाभ ले सकेंगे. क्योंकि गन्ना कटाई के बाद नवंबर में उनके खेत खाली हो जाते हैं.

तेल की मात्रा 39%

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉक्टर पी के सिंह ने जानकारी दी की सरसों की नई प्रजाति गोवर्धन को लखनऊ में कुछ दिनों पहले स्टेट वैरायटी कमेटी द्वारा अनुमति मिल गई है. इस प्रजाति का नोटिफिकेशन जारी होने के लिए कृषि मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई यह नई प्रजाति गोवर्धन 120 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. किसानों को इस प्रजाति से खूब फायदा मिलेगा. क्योंकि इसमें तेल की मात्रा 39% मिलेगी. नवंबर में गन्ना कटाई के बाद किसानों के खेत खाली हो जाते हैं और तब तक सरसों का समय निकल जाता है. परंतु अब गन्ना किसानों के खेत खाली नहीं रहेंगे और उन्हें भरपूर आमदनी भी होगी.

कीटों से रहेगी सुरक्षित 

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि हर बार सरसों की खेती में माहु किट किसानों को सबसे ज्यादा हानि पहुंचता है. परंतु शोध की गई इस नई गोवर्धन प्रजाति से किसानों को कीटों से उत्पादन कमजोर होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. नवंबर के अंत में सरसों की यह फसल बोई जाएगी तब तक माहु किट का खतरा कम हो जाता है. इस प्रजाति का नोटिफिकेशन होने के बाद हम जल्द ही किसानों को बीज उपलब्ध करवाना शुरू कर देंगे. देश भर के किसानों को बीज उपलब्ध करवाने की तैयारियों पर हम काम कर रहे हैं.