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Soyabean Bhav : सोयाबीन के भाव को लेकर किसान परेशान, इन मंडियों में आया मामूली उछाल

कृषि रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि इस साल 30 अगस्त तक देश में करीबन 125.11 लाख हेक्टेयर सोयाबीन की बुवाई की जा चुकी है। जो पिछले साल के मुकाबले 1.25 लाख हेक्टेयर अधिक है। जिससे दाम में गिरावट आ सकती है। आज के समय में सोयाबीन में मामूली उछाल देखने को मिल रहा है, लेकिन इसका सत्र एमएसपी तक नहीं पहुंच पाया है।
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सोयाबीन की खेती पर कितनी आती है लागत

Soyabean Bhav : बीते कई सालों में सोयाबीन के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आज के समय में सोयाबीन के भाव को लेकर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में मुद्दा गरमाया हुआ है। आने वाले नवंबर महीने से सोयाबीन की नई उपज बाजार में आना शुरू हो जाएगी। लेकिन भाव में उछाल ना देखकर किसान काफी परेशान है। क्योंकि किसान इस समय पुराना सोयाबीन मंडी में बेच रहे हैं और आवक में कमी के चलते भी सही कीमत नहीं मिल पा रही है। वही सोयाबीन का रकबा इस साल बढ़ जाने के कारण बंपर पैदावार की उम्मीद लगाई जा रही है। वही किसानों को अगर एमएसपी से कम दाम मिलता है तो भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

कृषि रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि इस साल 30 अगस्त तक देश में करीबन 125.11 लाख हेक्टेयर सोयाबीन की बुवाई की जा चुकी है। जो पिछले साल के मुकाबले 1.25 लाख हेक्टेयर अधिक है। जिससे दाम में गिरावट आ सकती है। आज के समय में सोयाबीन में मामूली उछाल देखने को मिल रहा है, लेकिन इसका सत्र एमएसपी तक नहीं पहुंच पाया है। सोयाबीन के लिए 4892 एमएसपी तय की गई है। लेकिन किसानों को मंडियों में 4000 से लेकर 4500 रुपए तक भाव मिल रहा है।  

सोयाबीन की मुख्य मंडियों के भाव 

महाराष्ट्र की राहता मंडी में सोयाबीन का न्यूनतम भाव 4200 था, वही अधिकतम भाव 4474 रुपए प्रति क्विंटल रहा। 

 नागपुर मंडी की बात की जाए तो यहां पर सोयाबीन के न्यूनतम भाव 4105 रुपए तो अधिकतम भाव 4415 रुपए तक रहे। 

मध्य प्रदेश के अशोकनगर मंडी में सोयाबीन का न्यूनतम भाव 4305 और अधिकतम भाव 4350 प्रति क्विंटल तक रहा। 

मध्य प्रदेश की धामनोद मंडी में सोयाबीन का औसत भाव ₹3500 प्रति क्विंटल रहा। जो आंकड़े कमोडिटी ऑनलाइन से लिए गए है। 

खेती में लागत अधिक 

सोयाबीन को एक मुख्य तिलहन फसल माना जाता है। लेकिन कारोबारी आयात शुल्क कम होने की वजह से अर्जेंटीना और ब्राजील से तेल का आयात करते हैं। जिसकी वजह से भारतीय किसानों को फसल की सही कीमत नहीं मिल पाती और भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अनुसार A2 + FL फार्मूले के आधार पर सोयाबीन की उत्पादन लागत 3261 रुपए प्रति क्विंटल आती है। लेकिन अगर पूरी लागत C2+50% फार्मूले से जोड़ी जाए तो 4291 रुपए प्रति क्विंटल पड़ती है। लेकिन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में जो भाव मिल रहा है। उससे किसानों को लागत भी पूरा करना मुश्किल हो रहा है।