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धान की ये 10 उन्नत किस्म देगी बंपर उत्पादन और ज्यादा मुनाफा, पढ़ें ज्यादा डिटेल्स

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Paddy Varieties

Paddy Varieties: देश के किसान धान की खेती कई सालों से कर रहें है. धान की फसल किसानों के लिए बेहतर मुनाफे की फसल होती है. धान उत्पादन में भारत दूसरे नंबर पर बना हुआ है. लेकिन क्या आप जानतें है की देश में 4000 हजार से भी अधिक अलग-अलग धान की किस्में उगाई जाती है. इस पोस्ट में हम आपको धान की 10 किस्मों की जानकारी देंगे. हमारा उदेश्य किसानों तक फसलों की जानकारी पहुंचाना है.

सीएसआर-10 धान (CSR- 10)

इस किस्म के पौधे बोने तथा दाने छोटे सफेद रंग के होते हैं. यह 115 से 120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसके पौधे की ऊंचाई 80 से 85 सेंटीमीटर तक हो जाती है. औसतन पैदावार 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है. इसकी खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गोवा, ओडिसा, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में मुख्य तौर पर की जाती है.

हाइब्रिड -620 धान (Hybrid -620)

यह अच्छी पैदावार वाली उन्नत किस्म है. इसके दाने चमकदार तथा लंबे होते हैं. 125 से 130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. यह ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी किस्म है. B.P.H तथा L.F रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है. इसकी औसतन पैदावार 62 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है.

पीएचबी -71 धान (PHB -71)

इस किस्म के दाने लंबे, चमकदार तथा सफेद होते हैं. यह 130 से 135 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसके पौधे की ऊंचाई 115 से 120 सेंटीमीटर तक होती है. BPH, GM तथा ब्लास्ट रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है. औसतन पैदावार 87 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है. इसकी खेती हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक तथा तमिलनाडु में मुख्य तौर पर की जाती है.

जया धान (Jaya paddy)

किसान भाइयों धान की यह किस्म कम ऊंचाई वाली उन्नत किस्म है. इसके दाने लंबे और सफेद होते हैं. यह धान 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है. पौधे की ऊंचाई 82 सेंटीमीटर तक हो जाती है. BLB, SB, RTB तथा ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी किस्म है. इसकी औसतन पैदावार लगभग 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. इस धान की खेती भारत के सभी राज्यों में की जा सकती है.

बासमती-370 धान (Basmati-370)

धान की इस किस्म के पौधे थोड़े लंबे और दाने सफेद होते हैं. यह 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसके पौधे की ऊंचाई 140 से 150 सेंटीमीटर तक हो जाती है. औसतन पैदावार 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो जाती है. इसकी खेती मुख्य तौर पर हरियाणा राज्य में की जाती है.

पूसा सुगंध 3 धान (PUSA Sugandh 3)

इस धान की किस्म के धान के दाने पतले और सुंगधित होता है. यह किस्म 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विंटल होता है. इसकी खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीगगढ़ राज्यों में होती है.

डीआरआर 310 धान (DRR 310)

ये धान की किस्म अच्छी पैदावार देती है. दाने सफेद और मध्यम लंबे होते हैं. 125 से 130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसके पौधे की ऊंचाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक होती है. यह BLB तथा ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी किस्म है. SB, GLH तथा BPH रोग के प्रति सहनशील किस्म है. इसकी खेती मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, बिहार, केरल तथा पश्चिम बंगाल राज्यों में मुख्य तौर पर की जाती है.

मकराम धान (Makram)

धान की यह किस्म अच्छी पैदावार वाली अर्ध बौनी किस्म है. इसके दाने मध्यम लंबे होते हैं. यह 160 से 175 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. पौधे की ऊंचाई 111 सेंटीमीटर तक हो जाती है. पौधे में रोग तथा रस चूसने वाले कीटों का प्रकोप नहीं होता है. औसतन पैदावार 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है.

एनडीआर- 359 धान (NDR - 359)

धान की इस किस्म के दाने छोटे तथा पौधे अर्ध बोने होते हैं। 115 से 225 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. पौधे की ऊंचाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक हो जाती है. यह LB , BS तथा BLB रोग प्रतिरोधी किस्म है. औसतन पैदावार 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है. इसकी खेती उत्तर प्रदेश, बिहार तथा ओडिशा में की जाती है.

आईआर 64 धान (IR 64)

इस किस्म के दाने लंबे लेकिन पौधा छोटा होता है. यह 120 से 125 दिनों में यह पककर तैयार हो जाती है. इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 50 से 55 क्विंटल होता है. इसकी खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गोवा, ओडिसा, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में मुख्य तौर पर की जाती है.

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