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अब स्कूल में बच्चों को दाखिला लेने के लिए स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं, जानिए ख़बर

यह जानकारी बच्चों के स्कूल में दाखिला से जुड़ी है बता दें की (एसएलसी) यानी की श्स्कूल लिविंग सर्टिफिकेटश् के बिना भी छात्र अब हरियाणा प्रदेश के किसी भी राजकीय स्कूल में दाखिला ले सकतें है. शिक्षा विभाग ने एमआइएस पोर्टल में कुछ संशोधन किया है. जिसमें अब एसएलसी की जरूरत नहीं पड़ेगी. छात्र को
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अब स्कूल में बच्चों को दाखिला लेने के लिए स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं, जानिए ख़बर

यह जानकारी बच्चों के स्कूल में दाखिला से जुड़ी है बता दें की (एसएलसी) यानी की श्स्कूल लिविंग सर्टिफिकेटश् के बिना भी छात्र अब हरियाणा प्रदेश के किसी भी राजकीय स्कूल में दाखिला ले सकतें है. शिक्षा विभाग ने एमआइएस पोर्टल में कुछ संशोधन किया है. जिसमें अब एसएलसी की जरूरत नहीं पड़ेगी. छात्र को जो पुराना सीरियल नंबर जारी किया गया है. उसी के आधार पर ही छात्र का दाखिला हो सकेगा. इस निर्णय से हजारों विद्यार्थियों को राहत मिलेगी वहीं प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी पर भी अंकुश लग पाएगा. बता दें की जानबूझ कर जारी नहीं करते एसएलसी प्राइवेट स्कूलों को छोड़ कर यदि कोई बच्चा किसी राजकीय स्कूल में दाखिला लेना चाहता है तो उसे एसएलसी की जरूरत पड़ती है,

अब स्कूल में बच्चों को दाखिला लेने के लिए स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं, जानिए ख़बरजानकारी बता दें की प्राइवेट स्कूलों से आए 2 लाख छात्र प्रदेश की बात करें तो कोविड-19 महामारी के दौरान करीब 2 लाख विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों को छोड़ कर राजकीय स्कूलों में आए हैं. बता दें की कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में हजारों लोगों का रोजगार छीन गया. ऐसे में प्राइवेट स्कूलों ने बच्चों की फीस समेत कई तरह के चार्ज उनसे मांगने शुरू कर दिए. ऐसे में अभिभावकों ने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से हटा सरकारी में दाखिला दिलवा दिया. जिस कारण सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के जिला प्रधान कुलवंत सिंह का कहना है कि जब अभिभावक प्राइवेट स्कूल में एसएलसी लेने जाता था तो उनकी तरफ इधर उधर के चार्ज लगा कर फीस ज्यादा निकाल दी जाती थी. जिसे वह चूका नहीं सकते थे,

इसके साथ ही छात्रों और अभिभावकों को जानबूझ कर उन्हें परेशान किया जाता था. बिना एसएलसी के छात्रों का दाखिला करने का निर्णय सराहनीय कदम है. इससे राजकीय स्कूलों को काफी फायदा होगा. वहीं डिप्टी डीईओ शिवकुमार धीमान ने बताया कि शिक्षा विभाग ने एमआइएस पोर्टल को अपडेट किया है. जिसमें बिना एसएलसी के भी पुराने सीरियल नंबर के आधार पर अब दाखिला लिया जा सकता है.

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