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दाम 100 पार होने से बिका नहीं पेट्रोल, क्योंकि पंप मशीनों में 3 अंको का डिस्प्ले नहीं, जानिए पूरा मामला

देश में इस वक्त पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. और बता दें मध्य प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच गई है, राजधानी भोपाल में पावर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये 4 पैसे प्रति लीटर हो गई है. जबकि सामान्य पेट्रोल की कीमत 96 रुपये प्रति लीटर के
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दाम 100 पार होने से बिका नहीं पेट्रोल, क्योंकि पंप मशीनों में 3 अंको का डिस्प्ले नहीं, जानिए पूरा मामला

देश में इस वक्त पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. और बता दें मध्य प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच गई है, राजधानी भोपाल में पावर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये 4 पैसे प्रति लीटर हो गई है. जबकि सामान्य पेट्रोल की कीमत 96 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी है,
जानकारी के अनुसार डीजल की कीमत भी 86 रुपये 84 पैसे हो गई है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश सबसे अधिक दाम पर पेट्रोल बेचने वाला राज्य बन गया है. लगातार पांचवें दिन कंपनियों ने पेट्रोल – डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी आई है. इस कारण सादा पेट्रोल की कीमत 33 पैसे और डीजल की 40 पैसे प्रति लीटर बढ़ गई है . इस साल के सिर्फ 44 दिनों में 17 वीं बार पेट्रोल – डीजल के भाव बढ़ चुके है,

दाम 100 पार होने से बिका नहीं पेट्रोल, क्योंकि पंप मशीनों में 3 अंको का डिस्प्ले नहीं, जानिए पूरा मामलाभाव बढ़ने के साथ बढ़ी मुसीबत 

भोपाल में पेट्रोल पंप पर नई मुसीबत #Power_Petrol की क़ीमत सौ रुपये हो गई है मगर पंप की मशीनों पर तीन अंकों में क़ीमत का डिजिटल डिस्प्ले नहीं है तो पेट्रोल नहीं बिक रहा। आगे यही हाल सारी मशीनों का होगा ?

बता दें शनिवार सुबह पेट्रोल के दाम 96.39 रुपए , प्रीमियम पेट्रोल के दाम 100.04 रुपए और डीजल के दाम 86.86 रुपए प्रति 1 लीटर पहुंच गए थे, लोगों को उम्मीद है कि मध्य प्रदेश सरकार पेट्रोल डीजल के दाम को लेकर इस बार के बजट में कुछ राहत दे सकती है, प्रदेश सरकार अपना टैक्स कुछ कम कर सकती है, क्योंकि केंद्र सरकार की तरफ से इसे कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है.

केंद्र सरकार ने खड़े किए हाथ पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को 2 टूक कहा कि केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती . क्योंकि कीमतें पेट्रोलियम कंपनियां तय कर कर रही हैं और यह क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती हैं, उन्होंने कहा कि केंद्र के अलावा राज्य सरकारें भी अपनी विकास की जरूरत के मुताबिक टैक्सेज बढ़ाती रही हैं, इससे पहले राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कई दलों के सांसदों ने यह मामला उठाया था.

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