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राजस्थान में फसलों की बर्बादी का मंजर देख खून के आंसू रो रहे किसान,सरकार ने मांगी गिरदावरी रिपोर्ट

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राजस्थान में फसलों की बर्बादी का मंजर देख खून के आंसू रो रहे किसान,सरकार ने मांगी  गिरदावरी रिपोर्ट
आप को बता दे की इस बार पाले के कारण भरतपुर,करौली,श्रीगंगानगर,हनुमानगढ़,बीकानेर ,जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, चूरू और धौलपुर सहित अधिकांश जिलों की फसलों के हालात खराब हो गई हैं।

जयपुर-राजस्थान में इस बार की पाले ने किसानों और खेती पर बहुत सितम ढहाया है.इस बार कड़ाके की ठंड में पड़े पाले और शीतलहर के चलते किसानों की अधिकांश फसलें खराब हो गई हैं.राजस्थान के सीकर और झुंझुनूं मे इस बार लगभग 80 फीसदी से के तकरीबन रबी की फसलें बर्बाद हो गई हैं. इस बार राजस्थान में पाले के कारण सरसों की 80 %  के लगभग फसल को नुकसान हुआ हैं। आप को बता दे की इस बार पाले के कारण भरतपुर, करौली, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर ,जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, चूरू और धौलपुर सहित अधिकांश जिलों की फसलों के हालात खराब हो गई हैं। राजस्थान के किसानों ने इस बार सरसों की रिकॉर्ड बूबाई की थी.लेकिन कुदरत की इस मार ने अब कि बार सबसे ज्यादा नुकसान सरसों की फसल को ही पहुंचाया है. सरसों के बाद अगर बात करे तो राजस्थान में चने की खेती को पाले के कारण 50 फीसदी तक के नुकसान का प्राथमिक आंकलन भी लगाया जा रहा है. पाले की वजह से अधिकांश क्षेत्रों में फसलें काली भी पड़ गई हैं. वहीं अगर सब्जी कि खेती कि बात करे तो  बैंगन, आलू, टमाटर, मटर और मेथी की सब्जियों को भी भारी नुकसान का आंकलन लगाया जा रहा है.

खड़ी फसलों पर किसानों ने टैक्टर चलाया गया -

 अगर बात कि जाए फलीदार फसलों की बर्बादी कि तो आलम यह हें की इस बार सीकर झुंझुनूं और बीकानेर सहित कई जिलों में किसानों द्वारा सरसों तथा मटर की खड़ी फसलों को फिर से टैक्टर चलाकर जमींदोज भी  किया जा रहा है. कृषि विभाग के प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक  आंकलन पाले के कारण इस बार पूरे राजस्थान में बड़े पैमाने पर रबी की फसलों को भारी नुकसान इस बार हुआ है.  राजस्थान के कृषि आयुक्त कानाराम का कहना है की राजस्थान में थार मरुस्थल की रेतीली धरती पर किसानों के लिए खेती करना बड़ी चुनौती के समान होता है.फिर भी यह का किसान दूसरे राज्यों की तुलना में  कई गुना ज्यादा पैसा लगाकर बेहद विषम परिस्थितियों में खेती करता हैं.

सरसों का उत्पादन -

कृषि विभाग के प्राथमिक आंकलन के हिसाब से पाला पड़ने से इस बार किसानों को भारी नुकसान उठना पड़ा हैं।अगर बात करे तो राजस्थान में रबी की मुख्य फसल के रूप में सरसों की उपज ही होती है. इस बार सबसे ज्यादा 50 %  से ज्यादा खेती भी राजस्थान में सरसों की हुई  है. पूरे देश की बात की जाए तो सबसे ज्यादा सरसों का उत्पादन राजस्थान में ही होता है. इसके अलावा चना , गेंहू और जौ भी राजस्थान की प्रमुख रबी की फसलें मे आती हैं. राजस्थान में सरसों का कुल 38 लाख हैक्टेयर भूमि में सरसों की खेती की बूबाई कि जाती है.इया बार पाले के कारण सरसों की फसल को 65 फीसदी तक नुकसान का प्राथमिक आंकलन हुआ  है. सरसों के साथ साथ चने की फसल को भी पाले के वजह से 40 फीसदी तक के नुकसान की संभावना जताई जा रही है.

गेंहू की फसल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ - 

राजस्थान में इस बार तारामीरा की फसल के साथ साथ सब्जी व अन्य फसलों को 60 फीसदी तक का नुकसान का आंकलन कृषि विभाग ने किया  है.राजस्थान मे  राहत की बात ये है कि इस बार गेंहू की फसल को पाले कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ हैं। हालांकि कृषि विभाग के मुताबिक इस बार 10 से 15 फीसदी गेंहू की फसल को भी नुकसान होने का आंकलन लगाया जा रहा है. राजस्थान सरकार पाले के कारण किसानों के खेती के नुकसान पर सक्रिय भी नजर आरही हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तत्काल गिरदावरी रिपोर्ट मांगने के बाद राजस्व सहित सभी विभाग सक्रिय हो गए है. राजस्व सहित सभी विभागइस बार पाले के वजह से  किसानों की फसलों को जो नुकसान हुआ हैं। उस के आंकलन के बाद  गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार किसानों को मुआवजा भी दिया जाएगा.

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