राजस्थान में किसानों के साथ ये कैसा मज़ाक, खाते में आ रहे सिर्फ 3 पैसे और 9 रुपए का फसल बीमा क्लेम
The Chopal, (बाड़मेर) Rajasthan: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर राजस्थान के बाड़मेर के किसानों के साथ बीमा कंपनियों ने बड़ा मजाक किया है. यहां एक किसान के खाते में बीमा क्लेम की ओर से उसके खाते में 9 रुपये पहुंच गए हैं. किसानों का कहना है कि यह तो हद हो गई, किसी के पास दो या तीन पैसे ही बचे हैं. राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर (बरमेर) के किसानों के साथ एक व्यावहारिक मजाक किया गया है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम की ओर से किसानों के खाते में डाली गई राशि को देखकर बीमा कंपनी शर्मिंदा है. एक किसान के खाते में 9 रुपये का फसल बीमा क्लेम पहुंचा है. किसानों के मुताबिक कई किसानों के खातों में 2-3 पैसे से लेकर 20 रुपये तक के बीमा दावे पहुंच चुके हैं. खातों में बीमा क्लेम की राशि देखकर किसानों की आंखों से आंसू छलक पड़े. इस मामले को लेकर अब राजस्थान और केंद्र सरकार एक-दूसरे को जवाबदेह ठहराने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस मुद्दे पर जमकर सियासत कर रहे हैं.
साल 2021 में सरकार ने पूरे बाड़मेर जिले में भीषण अकाल घोषित कर दिया था. बाड़मेर जिले के निंबलकोट गांव निवासी किसान खुमाराम का कहना है कि उनके पास 65 बीघा जमीन है. उन्होंने साल 2021 में सारी जमीन पर खेती की थी. उस वक्त सिर्फ एक बार बारिश हुई थी. बाद में वर्षा न होने के कारण सारी फसलें जलकर नष्ट हो गईं. हमें लगता है कि भगवान नाराज हैं लेकिन राज नाराज नहीं होंगे. फसल बीमा क्लेम मिलेगा. लेकिन इस बार महज 9 रुपए का बीमा क्लेम खाते में आया है. खुमाराम के मुताबिक, वह या तो अपना लिया हुआ कर्ज चुका दे या फिर राशन लाकर अपने बच्चों को खिलाए.
4 हजार प्रीमियम काटे गए और सिर्फ 4 हजार बीमा क्लेम मिले
किसान गंगाराम का कहना है कि बारिश होते ही खेत में बीज बो दिया था. उसके बाद बारिश नहीं हुई. जमीन 65 बीघा है. 4,000 रुपये का प्रीमियम काटा गया और केवल 4,000 रुपये का बीमा क्लेम आया है. पौधरोपण के समय करीब 30-35 लाख रुपए खर्च किए गए. प्रधानमंत्री के फसल बीमा दावे को लेकर किसान ठगा हुआ महसूस कर रहा है. आप इस मामले में अपने हक की बात कर रहे हैं. दूसरी ओर, इस मुद्दे को लेकर अब नीति शुरू की गई है.
भाजपा कांग्रेस ने एक-दूसरे पर दागे
कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी इस मामले को लेकर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की नाकामी बता रहे हैं. उधर, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर ठीकरा फोड़ा. उनका कहना है कि किसान कितना दावा करते हैं यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. हालांकि बाड़मेर के ये किसान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि इतनी शिकायतों को देखकर उन्हें भी अपने आप पर तरस आ रहा है.
