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हरियाणा-पंजाब में औसत से भी बहुत कम बरसे बादल, कृषि जानकारों मुताबिक ये पड़ेगा फसलों पर असर

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The Chopal, कृषि समाचार :  इस सीजन पंजाब और हरियाणा के साथ- साथ चंडीगढ़ में भी बहुत कम बारिश हुई, जो जारी रबी फसलों के लिए बहुत ही जरूरी है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि रबी सीजन 2022- 2023 में फसलों के उत्पादन पर थोड़ा बहुत प्रभाव भी पड़ सकता है. देश के कृषि विशेषज्ञों  के अनुसार, मुख्य रूप से जनवरी में होने वाली सर्दी की बारिश रबी फसलों के लिए शानदार टॉनिक का काम करती है. पिछले साल जनवरी के पहले पखवाड़े में पंजाब में अच्छी बारिश हुई थी.

दरअसल, पंजाब के होशियारपुर, नवांशहर, गुरदासपुर और रोपड़ जिलों के कंडी क्षेत्रों (उप-पर्वतीय) में वर्षा आधारित कृषि भूमि का एक लंबा ट्रैक भी है. पठानकोट के कृषि अधिकारी डॉ अमरीक सिंह ने मीडिया से कहा कि जिले में गेहूं, मक्का और सब्जियों सहित सभी सर्दियों की फसलों के लिए जनवरी की बारिश की बहुत अधिक जरूरत होती है. सिंह ने कहा कि कृषि भूमि के बड़े हिस्से हैं जो कंडी बेल्ट के अंतर्गत आते हैं, जो अधिकतर बारिश पर आधारित हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों के चिंतित किसान अपनी गेहूं, दलहन और सरसों की फसल के लिए अच्छी बारिश का इंतजार भी कर रहे हैं.

देश के मौसम विज्ञान विभाग के चंडीगढ़ कार्यालय के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में अभी तक सर्दी के मौसम में 8 मिमी, 5.5 मिमी और 15.8 मिमी बारिश तक होनी चाहिए थी, लेकिन पंजाब और हरियाणा में 0.7 मिमी (-91%) और 0.3 मिमी (- 94% बारिश जबकि उनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में जनवरी तक 7.4 मिमी (-53%) ही बारिश हुई.IMD के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में मौसम शुष्क बना हुआ है और अधिकांश स्थानों से शीतलहर की स्थिति की सूचना भी है. पंजाब के लिए सबसे कम न्यूनतम तापमान आदमपुर जालंधर में -1 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया और हरियाणा के लिए नारनौल में 0.5 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया. साथ ही विभाग ने आने वाले दिनों में भी मौसम शुष्क रहने का अनुमान अब जताया है.

पिछले साल, जनवरी के पहले 10 दिनों में भी, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में क्रमशः कुल 80.1 मिमी (1,604% अधिशेष), 52.6 मिमी (1,215% अधिशेष), और 121.9 मिमी (1424% अधिशेष) तक बारिश दर्ज की गई थी. किसानों का कहना है कि अत्यधिक सर्दियों की बारिश भी फसलों, खासकर सब्जियों के लिए बिल्कुल अच्छी नहीं है. इस बीच, राज्य में 19 दिसंबर से शुरू हुई शीतलहर अभी भी जारी है और लोग खराब मौसम की मार को झेल रहे हैं.इस अवधि के दौरान अधिकांश दिन या तो "ठंडे दिन" या "गंभीर ठंड के दिन" रहते हैं, जिसका अर्थ है कि किसी स्टेशन का न्यूनतम तापमान मैदानी इलाकों में 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में यह 0 डिग्री सेल्सियस या उससे कम है. अत्यधिक ठंड के दिनों में, अधिकतम तापमान सामान्य से -6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे कम होता है। पंजाब में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से 10.6 डिग्री के बीच है, जबकि अधिकतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस और 17 डिग्री सेल्सियस के बीच है, जो सामान्य से -5.9 डिग्री कम ही है. राज्य में अगले पांच दिनों में भी शीतलहर और घना कोहरा रहने की उम्मीद भी है.

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