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Agricultural tips: फसलों के लिए सुरक्षा कवच साबित होगें धतूरा, नीम, लहसुन, मिर्च, तम्बाकू, इस तरह करे इस्तेमाल

Measures to protect crops from pests: किसान फसलों पर कीटों, पतंगों और कीटों से परेशान होने के लिए कई रासायनिक दवाइयों का छिड़काव करते हैं। जिससे कीटों के मरने के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है.

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Agricultural tips: फसलों के लिए सुरक्षा कवच साबित होगें धतूरा, नीम, लहसुन, मिर्च, तम्बाकू, इस तरह करे इस्तेमाल

The Chopal:  किसान फसलों पर कीटों के हमले से बचने के लिए रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं, लेकिन यह फसल की गुणवत्ता, मिट्टी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप कीटों से छुटकारा पाना चाहते हैं और फसल की गुणवत्ता बनाए रखना चाहते हैं, तो जैविक और प्राकृतिक तरीके अपनाना सबसे अच्छा उपाय है।

सहारनपुर जिले के बेहट गांव नुनिहारी के किसान सुरेंद्र कुमार ऑर्गेनिक खेती करते हैं। वह काले धतूरे का इस्तेमाल करके कीटों और सुंडी से फसलों को बचाता है। सुरेन्द्र कुमार काले धतूरे से दसपर्णी, निमास्त्र बनाते हैं, जिन्हें फसलों पर डालते हैं। 

दसपर्णी और निमास्त्र बनाने के लिए सबसे पहले धतूरा, नीम, लहसुन, मिर्च, करंज, तम्बाकू और अन्य सामग्री को गोमूत्र में अच्छे से मिलाकर पकाया जाता है. फिर इसे अपनी फसलों पर इस्तेमाल किया जाता है। किसान अपनी फसलों पर नशे और कड़वी सामग्री छिड़क सकते हैं, जिससे कीटों का स्वाद बिगड़ जाता है।

धतूरे का फसलों और मनुष्य पर विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया जाता है. सुरेंद्र बताते हैं कि वह ऑर्गेनिक खेती वाले किसान हैं और धतूरे से कीट रोधक तैयार करते हैं, जिसमें विशेषकर दसपर्णी, निमास्त्र है. निमास्त्र को तैयार करने के लिए सबसे पहले धतूरा, नीम, लहसुन, मिर्च, करंज, तम्बाकू आदि को गोमूत्र में अच्छे से मिलाकर उसको पकाया जाता है और उसके बाद उसको अपनी फसलों पर इस्तेमाल करते हैं.

इसका छिड़काव फसलों पर आने वाली सुंडी से लेकर कीट, माहू और अन्य जानवरों से बचाता है। भगवान शिव को काला धतूरा बहुत पसंद है। इसलिए शिवरात्रि पर लोग इसे शिवालय में चढ़ाते हैं। सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में लगभग दो दर्जन काले धतूरे के पेड़ लगा रखे हैं।

कड़वी और नशीली चीजों को अपनी फसलों पर डालते हैं, जिससे कीटों का मुंह खराब हो जाता है। पश्चिमी क्षेत्रों में इल्ली की समस्या अधिक होती है और कीट बहुत छोटे हैं। कीट पौधे का स्वाद खराब करेगा। फसल पर दो बार स्प्रे करने से वह जमीन पर गिर जाते हैं और फिर नहीं उठते। सुरेंद्र कुमार भी इससे दसपर्णी बनाते हैं। सुरेंद्र कुमार कहते हैं कि इसका उपयोग फसलों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता क्योंकि यह प्राकृतिक है। 20 लीटर पानी में 1 लीटर दसपर्णी मिलाकर फसलों पर छिड़काव करें।