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सरसों की खेती करने वाले किसान रहे संचेत, ये कीट कही कर दे आपकी मेहनत खराब

Mustard Crop: सरसों की खेती किसानों के लिए अच्छी कमाई का स्रोत बन सकती है, क्योंकि यह कम लागत में तैयार होती है और बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। हालांकि, सरसों की फसल को रोगों और कीटों का खतरा रहता है, जिससे पैदावार प्रभावित हो सकती है।

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सरसों की खेती करने वाले किसान रहे संचेत, ये कीट कही कर दे आपकी मेहनत खराब

The Chopal : खीरी जिले में सरसों की खेती करके किसान अच्छी कमाई करते हैं। सरसों की फसल कम लागत में तैयार होती है, लेकिन इसमें कई रोग लगते हैं। यह भी फसल कीटों की चपेट में आ सकता है। माहू कीट सबसे बड़ा खतरा हैं। माहू कीट पीला, काला या हरा हो सकता है। यह पत्ती, शाखा, फूल और फली पर चिपक जाता है, जानें कीटों से सरसों की फसल कैसे बचाएं।

कम लागत में तैयार

लखीमपुर जिले में सरसों की खेती की जाती है। सरसों की फसल कम लागत में तैयार होती हैं और किसानों को हजारों रुपए का मुनाफा मिलता है। लेकिन इस समय माहू कीट रोग सरसों की फसल में तेजी से फैल रहा है।  माहू-चेपा कीट सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाता है। शिशु और बड़े कीट पीलापन लिए हुए हरे रंग के होते हैं, जो पौधों के तनों, पत्तियों, फूलों और नए फूलों के रस को चूसकर कमजोर करते हैं।

दिसंबर के आखिरी हफ्ते से मार्च तक हमला करता है

लखीमपुर जिले के तराई क्षेत्र में किसान सरसों की लेट बोते हैं, जिससे सरसों के दाने भरने में समय लगता है। ऐसे में, माहू का प्रकोप फसल को प्रभावित कर सकता है जैसे ही तापमान बढ़ता है। सल्फरयुक्त कीटनाशक इससे बचने के लिए छिड़काया जा सकता है। यदि आपके सरसों के खेत में माहू कीट का प्रकोप हो रहा है, तो आप ड्रोन का उपयोग करके फसल पर कीटनाशक दवा छिड़क सकते हैं. ऐसा करने से माहू कीट से छुटकारा मिलेगा। कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि माहू कीट से बचने के लिए फसलों पर नीम का तेल भी छिड़क सकते हैं। नीम के तेल को स्प्रे करके कीटों को मार सकते हैं। माहू कीट छोटे हरे, काले और पीले होते हैं। फसलों पर दिसंबर के आखिरी हफ्ते से मार्च तक हमला करता है, जिससे फसल बर्बाद होती है।