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Sarso Bhav: एकदम बारिश से सरसों उत्पादन घटने के डर से सरसों में तेजी, सरकारी खरीद भी प्रभावित, तेल में तेजी के आसार

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एकदम बारिश से सरसों उत्पादन घटने के डर से सरसों में तेजी

THE CHOPAL - पिछले दिनों जिले में हुई बरसात और खराब मौसम के चलते अब सरसों के भाव में 100 से 250 रुपये तक बढ़ भी गए हैं। आपको बता दे की जिले की मंडियों में अचानक आवक कम होने के वजह से भाव भी बढ़े हैं। वर्तमान समय में सरसों 5000 से लेकर 5450 रुपये प्रति क्विंटल बिक भी रही है।आपको बता दें कि पिछले 4 दिनों से जिले में बरसात आने के साथ ही मौसम का मिजाज लगातार खराब भी रहा है। जिससे सरसों की फसल में लगभग 20 % तक नुकसान है और सरसों की कटी फसल भीग जाने कि वजह से किसान फसल को मंडियों में बेचने के लिए भी अब नहीं ला रहे हैं।

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आपको बता दे की सीजन में आवक के अचानक कम होने की वजह से सरसों के भाव बढ़ भी गए हैं। बता दे की जहां अब से पहले 4510 से 5210 रुपये प्रति क्विंटल सरसों बिक रही थी वहीं अब 5000 से 5455 रुपये प्रति क्विंटल सरसों बिक भी रही है।

सरसों का तय हो रहा भाव - 

आपको बता दे की जिले की मंडियों में आ रही सरसों में खरीददार सरसों में नमी की % और सरसों में तेल की मात्रा के आधार पर भाव भी तय कर रहे हैं। अगर सरसों में सात % नमी है और तेल की मात्रा 42 % है तो उसे 5450 रुपये तक में प्रार्ईवेट तौर पर खरीदा भी जा रहा है। आपको बता दे की वहीं जैसे-जैसे नमी की % बढ़ती है और तेल की मात्रा घटती है तो वैसे-वैसे ही भाव भी घटते जा रहे हैं।

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सरसों की आवक - 

आपको बता दे की जिले की मंडियों में अब तक लगभग 66335 क्विंटल सरसों की आवक हो भी चुकी है। आपको बता दे की तावडू में 16698 ,नूंह मंडी में 7250, फिरोजपुर झिरका में 7760 और पुन्हाना मंडी में 34731 क्विंटल की आवक हो चुकी है।

प्रशासन के 20 MARCH से सरसों की सरकारी खरीद करने के दावे अब हुए फेल -

आपको बता दे की मार्केटिंग बोर्ड के जिला विपणन प्रवर्तन राम मेहर सिंह जागलान सहित प्रशासन ने 20 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद का दावा भी किया था, लेकिन दावे के 2 दिन बाद तक भी जिले में अब तक सरसों की सरकारी खरीद शुरू भी नहीं हो पाए और जिले की मंडियों में प्रशासन के दावे पूरी प्रकार से फैल नजर भी आए। आपको बता दे की जिससे मजबूर होकर किसानों को सरसों की फसल को औने-पौने भावों में बेचना भी पड रहा है और इससे उन्हें काफी ज्यादा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।