सरसों में कई सालों बाद इस बार गायब हुआ ये रोग, पैदावार में होगी बढ़ोतरी और फसल कटाई भी आसान

mustard: राजस्थान के कुछ हिस्सों में सरसों फसल कटाई का सीजन किसानों ने शुरू कर रखा है. वहीं कुछ इलाकों सरसों पकाने में अभी 2 से 5 दिन और लगेंगे. इस दौरान सरसों की फसल में चेपा का प्रकोप आने का डर बना रहता है. सरसों में यह रोग फसल कटाई के दौरान हवा में उड़कर फसल काटने वालों की आंखों और कपड़ों में पहुंच जाता है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है. पिछले तीन से चार सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब इस तरह के रोग का सामना नहीं करना पड़ा है. सरसों की कटाई का सीजन जोरों पर चल रहा है.
किसानों को कई तरह की असुविधा
चेपा रोग के चलते किसानों को कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ता था. लेकिन इस साल इस तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई. ऐसा किस वजह से हुआ इस बारे में हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर आरके जैन ने बताया की तापमान के चलते चेपा का अटैक सरसों और मेथी समेत अन्य फसलों पर इस बार काम देखने को मिला. जिससे फसलों को भी नुकसान नहीं हुआ और कटाई के दौरान भी किसानों को सुविधाओं का सामना नहीं करना पड़ा.
सरसों की पैदावार पर असर
यह रोग हवाओं के जरिए एक से दूसरी फसलों तक पहुंच जाता है. जिससे सरसों की पैदावार पर असर पड़ता है. लेकिन इस बार सरसों का उत्पादन भी अच्छा हो रहा है और रोगों से भी किसानों और फसलों को राहत मिली है. आरके जैन ने बताया कि तापमान में 5 से 6 डिग्री सेल्सियस कम होने पर चेपा रोग ज्यादा होने का डर बना रहता है. बादल छाने और मौसम खराब होने जैसी स्थिति में भी चेपा का प्रकोप बढ़ता है. लेकिन इस बार सरसों फसल कटाई के शुरू से ही तापमान में बढ़ोतरी होने के चलते इस रोग का प्रभाव कम देखने को मिला.