The Chopal

सरकार की यह योजना किसानों की करवा देगी बल्ले-बल्ले, प्रति हेक्टेयर मिलेगें 247000 रुपये

Bihar government subsidy: जब भी चाय की बात होता है तो आपके दिमाग में असम, गुवाहाटी, दार्जिलिंग और जम्मू-कश्मीर ही आता होगा. लेकिन इन राज्यों के अलावा अब बिहार में भी चाय की खेती की जा रही है. दरअसल, बिहार सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए उद्यानिकी और व्यापारिक फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए ढाई लाख तक की सब्सिडी दे रही है. 

   Follow Us On   follow Us on
प्रति

The Chopal : विश्व भर में करोड़ों लोग चाय की पहली चुस्की से सुबह शुरू करते हैं। पानी के बाद भारत में चाय सबसे अधिक पिया जाता है। हजारों लोगों की रोजी-रोटी इससे जुड़ी हुई है। अब बिहार भी भारत के चाय उत्पादक राज्यों में शामिल है, जो असम, त्रिपुरा, केरल और तमिलनाडु हैं। बिहार सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए उद्यानिकी और व्यापारिक फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए ढाई लाख तक की सब्सिडी दे रही है. 

बिहार सरकार ने चाय की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए Chai Vikas Yojana शुरू किया है। इसके तहत किसानों को चाय की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर ₹2.47 लाख मिल रहे हैं।

4 हेक्टेयर तक सब्सिडी मिलेगी

बिहार सरकार उद्यान निदेशालय ने बताया कि चाय का नया क्षेत्र विस्तार करने के लिए प्रति हेक्टेयर 4.94 लाख रुपये की लागत होगी। किसान इस पर 50% (75:25) अनुदान पाएंगे। चाय किसानों को सब्सिडी 0.1 हेक्टेयर से 4 हेक्टेयर तक मिलेगी।

दो किस्तों में धन मिलेगा

चाय क्षेत्र को बढ़ाने के लिए किसान खुद चाय के पौध रोपण सामग्री खरीदेंगे। चाय उत्पादक कृषकों को दो किस्तों में 75:25 का भुगतान किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025–26 में लाभुक किसान को द्वितीय किस्त के रूप में पूर्व वर्ष में लगाए गए पौधे का 90% जीवित रहने की स्थिति में प्रति है। बाकी 25 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाएगा।

इन जिलों के किसान लाभ उठाने में सक्षम हैं

राज्य के किशनगंज, अररिया, सुपौल, पूर्णिया और कटिहार जिलों के किसान चाय का क्षेत्र विस्तार योजना से लाभ उठा सकते हैं।

यहाँ आवेदन करें

चाय उत्पादक किसान योजना का लाभ लेने के लिए बिहार सरकार उद्यान निदेशालय की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर 'आवेदन करें' लिंक पर क्लिक करें और आवश्यक जानकारी भरें। संबंधित जिला के सहायक निदेशक उद्यान से अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
 

News Hub