धान की 10 टॉप उन्नत किस्में | Paddy Variety in India | ज्यादा पैदावार देने में सक्षम
Paddy Variety in India: हमारे देश में धान उत्पादन के प्रमुख राज्यों में से धान की खेती सबसे ज्यादा बंगाल में पहले स्थान पर आती है और यहां पर उत्पादन लगभग 54.34 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है जिसका उत्पादन लगभग 146 लाख तक होता है। इसके अलावा भारत में लगभग सभी राज्यों में धान की खेती की जाती है. उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब बिहार छत्तीसगढ़ हिमाचल में भी धान की खेती की जाती है
धान की फसल भारत में खरीफ फसल में प्रमुख मानी जाती है किसानों को किसी भी फसल बोने से पहले अच्छी किस्म का चुनाव करना चाहिए जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन मिल सके। और रोग प्रतिरोधी किस्म का चुनाव करना आज के समय बहुत जरूरी हो गया है। किसानों के द्वारा सही किस्म का चुनाव ना करने पर उन्हें बाद भी काफी नुकसान उठाना पड़ता है। किसानों को अतिरिक्त धन खर्च करना पड़ता है और उत्पादन भी कम होता है। धान की 10 उन्नत किस्म ( Top 10 varieties of paddy 2023) के बारे में जानकारी देंगे।
धान की किस्मों के नाम। धान की उन्नत किस्में। Paddy variety in India
धान की टॉप 10 उन्नत कीमतें धान IRD -64 / DRT-1 किस्म, धान जया किस्म, हाईब्रिड- 620 धान किस्म, धान बासमती 370 धान, PHB-71 paddy beej/ पीएचबी-71 धान, धान DRR-310 किस्म, धान मकरान किस्म, धान NDR – 359 किस्म, धान सीड CSR-10, धान पूसा सुगंधा 3 इत्यादि उन्नत किस्मों में आती है.
- धान IRD -64 / DRT-1 किस्म
इस किस्म को पकने में लगभग 110 दिन का समय लगता है और यह किस्म सूखाग्रस्त इलाके में बहुत अच्छी मानी जाती है इस किस्म में बिना किसी पानी के 21 दिन तक रह सकती है जिससे पानी की आवश्यकता भी कम पड़ती है। इसको विकसित करने का श्रेय बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को जाता है। इसका IR 64 का अपग्रेडेशन करके बीज तैयार किया गया है। यह किस्म ऐसी जगह पर उपयोगी जहां पर पानी की कमी हो और पहाड़ी इलाका हो। यह किस्म का उत्पादन लगभग 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक दे सकती है.
- धान जया किस्म
इस किस्म का दाना लंबा व सफेद रंग का होता है और इस किस्म को पकने में लगभग 130 दिन का समय रहता है इस किस्म की प्रमुख विशेषता यह है ब्लास्ट रोग,BLB,SB,RTB आदि रोगों से बचाव रहता है। और इसका उत्पादन लगभग 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर माना गया है।
- हाईब्रिड- 620 धान किस्म
धान की इस किस्म का दाना लंबा व चमकदार होता है। इसको पकने में लगभग 125 से 30 दिन समय लगता है। इस किस्म का उत्पादन 62 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार को लिया जा सकता है। यह ब्लास्ट रोग के प्रति यह काफी संवेदनशील है।धान की किस्म बहुत ही अच्छी मानी जाती है।
- धान बासमती 370 धान
यह किस्म लंबे समय की अवधि और संवेदनशील मानी जाती है इस किस्म के दाने पतले अत्यधिक सुगंधित किस्म के होते हैं जिसे पकते समय दानों का आकार दोगुना कर लेते हैं इस के दाने पत्ते से चिपचिपा नहीं होते जबकि मुलायम बने रहते हैं। इसकी किस्म की बढ़वार लगभग 165 सेंटीमीटर तक की होती है। जो कि मुलायम होती है। यह किस्म लगभग 150 दिन पकने में समय लगता है।
- PHB-71 paddy beej/ पीएचबी-71 धान
इस किशन का दाना लंबा सफेद व चमकदार होता है इस किस्म को पकने में लगभग 130 से 35 दिन का समय रहता है इस किस्म का उत्पादन भी लगभग प्रति हेक्टेयर 87 क्विंटल का होता है। यह किस्म ब्लास्ट रोग, जीएम, एवम् बीपीएच आदि से बची रहती है।
- धान DRR-310 किस्म
धान की यह किसान लगभग 125 दिन के समय में पक कर तैयार हो जाती है और इसके दामों में काफी चमक होती है वह प्रोटीन की मात्रा 10% के करीब रहती है इस कसम की प्रमुख खेती मध्यप्रदेश उड़ीसा के क्षेत्र में की जाती है और इसका उत्पादन लगभग प्रति हेक्टेयर 39 क्विंटल तक देती है
- धान मकरान किस्म
धान की इस किस्म में दाने मध्यम व लंबे आकार के होते हैं और इस क्षण की खासियत यह है कि यह रोग और रक्षक कीटों रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है। यह किस्म प्रति हेक्टर उत्पादन लगभग 52 कुंटल का रहता है और इस क्षण को पकने में लगभग 160 से 175 दिन का समय लगता है।
- धान NDR – 359 किस्म
धान की यह किस्म जल्दी पककर तैयार हो जाती है इस किस्म को पकने में लगभग 130 दिन लगता है। इस कसम का उत्पादन प्रमुख रूप से बिहार उत्तर प्रदेश उड़ीसा राज्यों के लिए उपयुक्त माना गया है।
- धान सीड CSR-10
इस धान की किस्म को पकने में लगभग 115 से 20 दिन समय लगता है। इसकी पैदावार औसतन 55 से 60 क्विंटल तक की है। इस किस्म का पौधा बोना होता हैं। और इसका रंग सफेद छोटे कद का होता है। इसका उत्पादन प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश हरियाणा गुजरात पंजाब महाराष्ट्र व कर्नाटक आदि राज्यों में किया जाता है।
- धान पूसा सुगंधा 3
पूसा सुगंधा 3 यह एक सुगंधित बासमती चावल की अधिक पैदावार देने के रूप में प्रमुख मानी जाती है और यह किस्म एक बोनी किस्म है। असम का उत्पादन लगभग 40 से 47 क्विंटल पैदावार होती है और यह किसान 120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है इस किशन की खेती प्रमुख रूप से हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश विहार दिल्ली एमपी उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर में की जाती है।
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