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Camel Tears: ऊंटनी का सिर्फ दूध ही नहीं, आंसू भी बिकते हैं इतने महँगे , कारण जान चौंक जायेगे आप

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THE CHOPAL - आपको बता दे की रेगिस्तान का जहाज' कहलाने वाला ऊंट विषम परिस्थितियों में सर्वाइव करने के लिए जाना भी जाता है। रेगिस्तान की भीषण गर्मी में कई दिनों तक यह बिना पानी के आसानी से रह भी जाता है। उसके शरीर की बनावट ऐसा है जो उसे इन परिस्थितियों में रहने के अनुकुल बनाती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ऊंच के गुणों से लेकर उसके बाई-प्रोडक्‍ट्स भी बहुत काम के हैं। फिर चाहे ऊंटनी के दूध हो या फिर ऊंट के आंसू। जी हां आपके आंसू को आंखों से बहने के बाद बर्बाद हो जाते हैं, लेकिन ऊंट के आंसू लाखों में बिक जाते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों ऊंट के आंसू इतने खास है।

लाखों में बिकती है ऊंटनी के दूध-

ऊंट के दूध की खूब डिमांड होती है। इंसानों के लिए ये दूध बहुत फायदेमंद है, जिसके कारण इसकी कीमत लाखों में होती है। लोग मोटी कीमत चुकाकर ऊंटनी का दूध खरीदते हैं। न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी इसकी खूब डिमांड है। ऊंटनी का दूध अब 30 डॉलर प्रति लीटर यानी करीब 2500 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। रिपोर्ट की माने चो हर साल मात्र 3 मिलियन टन दूध ही ऊंटनी का उत्पादन होता है।

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चमत्कारी है ऊंट के आंसू-

दूध के बाद बात करते हैं ऊंट के आंसूओं की। ऊंट के आंसूओं में चमत्कारी गुण पाएओ जाते हैं। इसमें मौजूद ऐंटी-वेनम क्वालिटी इसे बहुत महंगी और उपयोगी बनाते हैं। अमेरिका, यूएई और भारत समेत कई देशों में ऊंट के आंसुओं पर कई रिसर्च चल रहे हैं। इन आंसूओं में कई तरह के प्रोटीन्‍स और सांप के जहर को काटने वाले एंटीडोट होता है, जो इसे चमत्कारी बनाता है।

जहरीले सांपों से जान बचाता है ऊंट के आंसू-

ऊंट के आंसूओं में मौजूद ऐंटी-वेनम पर अभी भी रिसर्च चल रही है। इसे लेकर लिवरपूल स्‍कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में स्‍नेकबाइक पर रिसर्च करने वाले प्रफेसर रॉबर्ट हैरिसन ने माना है कि ऊंट के आंसूओं की मदद से जहरीले सांपों के जहर को खत्म किया जा सकता है। इससे सांपों के जहर का एंडीडोज तैयार किया जा सकता है। ऊंट के आंसूओं में मौजूद एंटीबॉडीज न केवल सांपों के जहर को काटने में बल्कि सोग्रेन सिंड्रोम नाम की ऑटोइम्‍यून बीमारी के इलाज में इस्तेमाल हो सकती है। इस बीमारी के इलाज में ऊंट के आंसूओं के इस्तेमाल पर अभी रिसर्च चल रहा है।

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बड़े काम के हैं ऊंट के आंसू-

 ऊंट के आंसू इंसानों आंसूओं से अलग होते हैं। अब तक रिसर्च के मुताबिक ऊंट के आंसूओं में तीन लेयर होते हैं, जिसमें से आउटर लेयर लिपिड्स से, मध्यम लेयर प्रोटीन्‍स से और इनर लेयर में कार्बोहाइड्रेट्स से बनी होती है। ऊंट के आंसूओं में लाइसोजाइम्‍स की मौजूदगी उसे बैक्‍टीरिया, वायरसों से बचाते हैं ये गुण ऊंट के आंसूओं को बेहद खास और कीमती बनाते हैं। विदेशों में इसकी मांग बहुत अधिक है। लाखों की कीमत चुकाकर इसे खरीदा जाता है, जिसका इस्तेमाल ऐंटी-वेनम एंडी डोज बनाने में किया जाता है। दवा कंपनियों मोटी रकम चुकाकर ऊंट के आंसू खरीदती है।

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