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Kheti Badi: गहलोत सरकार ग्रीन हाउस के लिए किसानों को दे रही बंपर सब्सिडी

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गहलोत सरकार ग्रीन हाउस के लिए किसानों को दे रही बंपर सब्सिडी 

THE CHOPAL- इंसानी जिन्दगी में यंत्रों का प्रयोग धीरे- धीरे काफी ज्यादा बढ़ता भी जा रहा है। इसका सीधा असर खेती व किसानी पर भी पड़ा भी है। बता दे की अब कृषि भी काफी ज्यादा मॉडर्न भी हो गया है। बैलों की जगह अब ट्रैक्टर और रहट की जगह अब ट्यूबवेल ने ले ली है. खास बात यह है कि कृषि अब तकनीक पर आधारित हो भी गई है। नई तकनीकों के सहारे आप किसी भी फसल की खेती किसी भी मौसम में कर भी सकते हैं। 

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दरअसल, ग्रीन हाउस खेती की एक ऐसी तकनीक है, जिसके अंदर खेती करने पर धूप, बरसात और आंधी का फसलों के ऊपर कोई असर भी नहीं पड़ता है. इसके अंदर आप किसी भी मौसम किसी भी फसल की खेती कर भी सकते हैं. खास बात यह है कि ग्रीन हाउस के अंदर खेती करने से फसलों की पैदावार भी बंपर भी मिलती है। साथ ही फसलों की बर्बादी भी न के बराबर भी होती है. अगर किसान भाई ग्रीन हाउस के अंदर खेती करने का प्लान बना रहे हैं, तो उनके लिए सुनहरा मौका भी है, क्योंकि राज्य सरकार ग्रीन हाउस के निर्माण पर किसानों को बंपर सब्सिडी भी दे रही है.

सब्सिडी को बढ़ाया है - 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के CM अशोक गहलोत की सरकार ने ग्रीन हाउस पर मिलने वाली सब्सिडी को 50 फीसदी से बढ़ाकर अब 95 % कर दिया है. प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसान इस योजना का लाभ उठा भी सकते हैं. इसके अलावा अधिसूचित जनजाति इलाके के किसानों को भी इस सब्सिडी के दायरे में रखा भी गया है। यानी कि ये लोग भी अनुदान का लाभ उठा भी सकते हैं। कहा यह जा रहा है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी को बढ़ाया है.

करोड़ों रुपये खर्च करेगी

CM अशोक गहलोत ने इस बार विधानसभा बजट पेश करते हुए प्रदेश में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने का वादा किया था. इसके माध्यम से प्रदेश के 60 हजार किसानों को दो साल में सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. किसान भाई सब्सिडी के पैसे से संरक्षित खेती करने के लिए ग्रीन हाउस, पॉली हाउस और शेड का निर्माण करवा सकते हैं. इस वित्तीय वर्ष 2023- 24 में राज्य सरकार सब्सिडी के ऊपर 501 कोरड़ रुपये खर्च करेगी. बता दें कि पहले सामान्य वर्ग के किसानों को ग्रीम हाउस के निर्माण के लिए 50 % सब्सिडी मिलती थी. वहीं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदाय से आने वाले फार्मर्स को 70 % अनुदान मिलता था. वहीं, अब सरकार ने छोटे व सीमांत किसानों के साथ- साथ अधिसूचित जनजाति इलाके के किसानों के लिए सब्सिडी राशी बढ़ाकर 95 % कर दी.