Rajatsathan News: सरकारी कामों के निजीकरण को लेकर भाजपा ने गहलोत को घेरा, दिया ये बड़ा ब्यान

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सरकारी कामों के निजीकरण को लेकर भाजपा ने गहलोत को घेरा

THE CHOPAL - भारत की केंद्र सरकार के निजीकरण का विरोध करने वाली राजस्‍थान की गहलोत सरकार पर BJP ने अब निजीकरण करने पर हमला भी बोला है। राजस्थान की सरकार पुरातत्व विभाग के कार्य अब धीरे-धीरे करके निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर भी रही है। आपको बता दे की इसकी शुरुआत अब जयपुर की ऐतिहासिक धरोहरों से हो भी रही है। बीजेपी के प्रवक्ता पंकज मीणा के अनुसार गहलोत सरकार अब निजीकरण को लेकर BJP को बदनाम करने की कोशिश भी करती है। आपको बता दे की अब निजीकरण कांग्रेस की देंन भी है। आपको बता दे की अब कांग्रेस का दोगलापन जनता को भी साफ दिखाई भी देता है और अब खुद राजस्थान के पर्यटन स्थलों पर टिकट बुकिंग की वयवस्था को निजी कंपनियों को दे भी रही है। 

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डीओआईटी ने पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले जयपुर की पर्यटन स्थल बनी सभी धरोहरों पर टिकट व्यवस्था संभालने के लिए अब निजी फर्मो को ठेका भी दिया है। बता दे की ये फर्में 2.5 % कमीशन भी लेंगी। आप की जानकारी के लिए बता दे व्यवस्था संभालने पर निगरानी एक सरकारी कर्मचारी भी करेगा। हालांकि फर्म की ओर से व्यवस्था संभालने के बाद स्मारकों पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा शुरू भी हो जाएगी. दूसरी तरफ इन फर्मों को अनुमानतः प्रतिमाह लगभग 20 लाख कमीशन भी मिलेगा। 

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नई भर्तियों का रुकेगा अब रास्ता -

आपको बता दे की पुरातत्व विभाग में लागू की जा रही यह व्यवस्था के बाद टिकट काउंटर पर कार्य करने वाले कर्मचारी स्मारकों पर अन्य व्यवस्था भी संभालेंगे। बता दे की अफवाह तो यह भी है कि राजस्थान सरकार अब नई भर्तियां निकालने की बजाय ठेके पर कार्य भी करवाना चाहती भी है। जाहिर है इस नई व्यवस्था की वजह से कई पद ही खत्म भी हो जाएंगे यानी नई भर्तियां नहीं करनी भी पड़ेंगी और जो पुरानी भर्तियां है उनको भी खतरा भी हो सकता है। 

लगेगी सेंध -

राजस्थान की राजधानी स्थित आमेर महल से पुरातत्व विभाग को बीते FEB.और MARCH. महीने में लगभग साढ़े 4 करोड़ की कमाई हुई भी थी। इसके अलावा अल्बर्ट हॉल पर करीब  करोड़ और हवा महल में करीब डेढ़ करोड़ की कमाई भी हुई थी। आपको बता दे की केवल इन 3 पर्यटन स्थलों से पिछले 2 माह में करीब सात करोड़ से ज्यादा की कमाई भी हुई थी, जबकि यहां पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले बहुत सारे पर्यटन स्थल भी हैं। ऐसे में अगर यहां फर्म को 2.5 % कमीशन भी दिया जाता है तो सरकार का राजस्व भी घटेगा। बता दे की साथ ही यह कहा जाता है की सरकार को हर वर्ष पर्यटन स्थलों से लगभग 100 करोड का राजस्व भी मिलता है, मगर अब 100 करोड का ढ़ाई % कमीशन सीधे कंपनी के खातों में चला भी जाएगा।