Soybean: कम पानी में सोयाबीन की फसल देती है बेहतर मुनाफा, ऐसे करें खेती
Farmers Are Getting Rich :डिजिटल इंडिया के इस दौर में किसान भी खेती बड़ी करने में नई-नई विधि का उपयोग कर रहे हैं। कम पानी होने की वजह से किसान धान की फसल के बजाय दूसरा विकल्प खोजने में लगे हुए हैं। इसी बीच सोयाबीन की खेती अन्य अनाजों की तुलना में बेहद मुनाफा देती है। किसान सोयाबीन की नई खेती में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। यह खेती किसानो की आय बढ़ाने में मील का पत्थर साबित है।
Farmers Are Cultivating Soybean : सोयाबीन की सब्जी तो आपने कई बार खाई होगी। हालांकि इसकी खेती आप लोगों ने देखी होगी। अब बिहार के गोपालगंज जिले में किसानो ने सोयाबीन की खेती शुरू की है। किस अन्य अनाजों की तुलना में सोयाबीन से अच्छी कमाई कर रहे हैं। इसी बीच किस अब सोयाबीन की नई खेती में अपना लक आजमा रहे हैं।
बिहार में गोपालगंज के फुलवरिया प्रखंड के श्रीपुर गांव में बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती होती है। जिले के किसान नई खेती करने के लिए मशहूर है। प्रखंड में पिछले दो सालों से किसानों ने सोयाबीन की खेती का नया प्रयोग शुरू किया है। किसानों ने बताया कि सोयाबीन की खेती में धान और के गेहूं की खेती के समान ही समय लगता है। इस फसल में बार-बार सिंचाई करने की जरूरत नहीं होती है। जिन किसानों के पास कम पानी की व्यवस्था है जो किसानों के लिए फायदेमंद है।
सोयाबीन की बोआई के 21 दिन बाद एक बार दवा का छिड़काव किया जाता है, ताकि घास न उगे । इसके बाद किसान निश्चिंत हो जाते हैं, क्योंकि धीरे-धीरे फसल में फूल आते हैं और फली लगती है। दिलचस्प बात यह है कि सोयाबीन की फसल धान और गेहूं की तुलना में डेढ़ से दो गुना अधिक दाम पर बिकती है।
किसानों का कहना है कि यदि बिहार सरकार राज्य में सोयाबीन का तेल मिल स्थापित करती है, तो इसकी खेती को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में, सोयाबीन खरीदने के लिए व्यापारी मध्य प्रदेश से आते हैं, जहां इसका तेल मिल है। बाहर से आने वाले व्यापारियों के कारण किसानों को सही मूल्य की जानकारी नहीं मिल पाती है। इस प्रकार, गोपालगंज के किसान अब सोयाबीन की खेती को एक लाभकारी विकल्प मान रहे हैं, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना सकता है।