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85 प्रतिशत पेंशनर्स का सत्यापन पूर्ण, 31 मार्च तक 95 फीसदी तक करने के प्रयास- श्री ​अविनाश गहलोत

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85 प्रतिशत पेंशनर्स का सत्यापन पूर्ण, 31 मार्च तक 95 फीसदी तक करने के प्रयास- श्री ​अविनाश गहलोत

Rajasthan News: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत ने बताया कि वर्ष 2025 में सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 91 लाख 69 हजार 765 में से 77 लाख 82 हजार 713 (84.87 प्रतिशत) पेंशनर्स का वार्षिक सत्यापन हो चुका है जबकि 13 लाख 87 हजार 52 (15.13 प्रतिशत) का वार्षिक सत्यापन नहीं हो पाया है। सत्यापन की प्रक्रिया निरंतर जारी है, पात्र व्यक्ति 31 मार्च तक सत्यापन करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी वंचित पेंशनर्स के सत्यापन के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। 31 मार्च तक 95 प्रतिशत तक सत्यापन करने के प्रयास किए जा रहे हैं।   

श्री अविनाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के दूरदर्शिता पूर्ण नेतृत्व की मंशा है कि कोई भी पात्र व्यक्ति सामाजिक सुरक्षा पेंशन से वंचित ना रहे। यदि पेंशनर को संबंधित पेंशन स्वीकृतिकर्ता अधिकारी (उप खण्ड अधिकारी/विकास अधिकारी) के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होता है, तो पेंशन स्वीकृतिकर्ता अधिकारी (उप खण्ड अधिकारी/विकास अधिकारी) पेंशन पोर्टल SSP.Rajasthan.gov.in पर लाॅगइन कर संबंधित पेंशनर का पीपीओ नम्बर दर्ज करने पर उक्त पेंशनर के रजिस्टर्ड मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी के आधार पर भौतिक सत्यापन किया जा सकेगा।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि इस सत्यापन की प्रक्रिया से पेंशनर का वार्षिक सत्यापन नहीं होने पर फील्ड कार्मिक की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी द्वारा उनका वार्षिक भौतिक सत्यापन किया जाएगा। भौतिक सत्यापन करते समय संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी के आधार से जुड़े मोबाइल पर ओटीपी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि वार्षिक सत्यापन के समय स्वीकृतिकर्ता अधिकारी द्वारा एक घोषणा का चयन करना होगा जिसमें लिखा होगा कि 'मैने पेंशनर के दस्तावेजों को व्यक्तिशः जांच लिया है एवं पेंशनर मेरे समक्ष व्यक्तिशः उपस्थित हुआ है।'

श्री गहलोत ने बताया कि संपूर्ण राज्य में 2 अक्टूबर, 20 दिसंबर 2024 तथा 26 जनवरी 2025 को ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया, जिसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स के वार्षिक सत्यापन में प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि अपात्र पेंशनर की पेंशन बंद की गई है तथा गलत तथ्यों के आधार पर जिन पात्र पेंशनर की पेंशन पूर्व में बंद की गई थी उसे पुनः चालू किया गया है।

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