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Success Story : घर घर जाकर पैन बेचने वाला लड़का बना 2000 करोड़ की कंपनी का मालिक, गरीब परिवार से शुरू हुआ सफर

एक समय था जब कुंवर सचदेव कर कर जाकर पेन बेचा करते थे। कुमार सचदेवा का जन्म दिल्ली के एक पंजाबी परिवार में हुआ। दो भाई और माता-पिता के साथ रहते थे। उनके पिता भारतीय रेलवे में क्लर्क और मां हाउसवाइफ थी।
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घर घर जाकर पैन बेचने वाला लड़का बना 2000 करोड़ की कंपनी का मालिक, गरीब परिवार से शुरू हुआ सफर

Success Story :  आज हम आपको एक ऐसे युवक की कहानी बताने वाले है। जिन्होंने दिन रात कड़ी मेहनत करने के बाद 2000 करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी कर दी। आज हम आपको इनवर्टर मैन के नाम से जाने जाने वाले कुंवर सचदेव की कहानी बताने वाले हैं। कुंवर सचदेवा अपने बुलंद हौसले और कड़ी मेहनत के कारण हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं।

पेन बेचकर खड़ी की 2 हजार करोड़ की कंपनी

एक समय था जब कुंवर सचदेव कर कर जाकर पेन बेचा करते थे। कुमार सचदेवा का जन्म दिल्ली के एक पंजाबी परिवार में हुआ। दो भाई और माता-पिता के साथ रहते थे। उनके पिता भारतीय रेलवे में क्लर्क और मां हाउसवाइफ थी। कुंवर सचदेव की प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल में हुई । लेकिन पैसों की कमी के कारण आगे की पढ़ाई उन्हें सरकारी स्कूल में करनी पड़ी।

ऐसे हुआ सफर शुरू

कुंवर सचदेवा ने 12वीं की परीक्षा में स्कूल टॉप किया था। लेकिन मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम पास नहीं कर पाए। जिसकी वजह से उन्हें इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेना पड़ा। लेकिन इंजीनियरिंग में इंटरेस्ट नहीं होने के कारण भी वह लग रहे। पढ़ाई की ये आदत उनका खूब काम आई। पढ़ाई के साथ-साथ कुंवर अपने भाई के साथ जाकर घर-घर पहन बेटा करते थे, जिससे उनके परिवार की थोड़ी बहुत मदद हो जाती थी। पढ़ाई के तुरंत बाद कुंवर ने एक केवल कम्युनिकेशन कंपनी में सेल्स डिपार्टमेंट में काम शुरू कर दिया।

ऐसे आया बिजनेस का आइडिया

जब के दौरान कुमार को एहसास हुआ कि अपना बिजनेस शुरू करके अच्छी कमाई की जा सकती है। इसके बाद उन्होंने 1988 में जॉब छोड़कर दिल्ली में अपना केवल का बिजनेस शुरू कर दिया। जिसका नाम उन्होंने su Kam communcation system रखा। कुंवर को मैन्युफैक्चरिंग की अधिक जानकारी नहीं होने की वजह से उन्होंने कई अब से इंजीनियर को यह काम सौंपा।

बिजनेस के दौरान होने कई तंगी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनका केबल टीवी का काम अच्छे से चल पड़ा था तो उन्होंने धीरे-धीरे करके टीवी के उपकरण और एमप्लीफायर मॉडरेटर आदि बनाने शुरू कर दिए। इस दौरान उन्हें आइडिया आया कि देश में बिजली की समस्या सबसे अधिक रहती है।

उनके घर में लगाया गया इनवर्टर बार-बार खराब हो जाता था और ठीक करवाने के लिए मैकेनिक को बुलाना पड़ता था। एक बार उन्होंने गुस्सा होकर खुद ही इनवर्टर खोल लिया और दिक्कत के बारे में जानने लगे। इसके बाद उन्होंने अपने बिजनेस की आर एन डी टीम को बताया और कहा कि अच्छे से देखकर बताओ इसमें क्या दिक्कत है।

इस दौरान उन्हें पता चला की मार्केट में बेचे जा रहे इनवर्टर काफी खराब क्वालिटी के मिल रहे हैं। इसके बाद साल 1998 में su Kam power system के नाम से एक इनवर्टर कंपनी की नीव रखी गई।

कुंवर बताते हैं कि उस समय लोगों को नई टेक्नोलॉजी खरीदने के लिए आकर्षित करना बहुत मुश्किल था। लंबे संघर्ष के बाद, Su-Kam दुनिया की पहली ऐसी कंपनी बन गई जो प्लास्टिक बॉडी वाले इनवर्टर बनाती थी। जब उनके बेटे को इनवर्टर से करंट लगा, कुंवर को प्लास्टिक बॉडी बनाने का विचार आया।'

Su-Kam,कुवर सचदेव जो अब 55 साल से चल रही है, जो करीब 2300 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। यह भी सोलर उत्पाद बनाती है जो दिन में 10 घंटे बिजली दे सकते हैं। अब तक, इसके उत्पादों को भारत में एक लाख घरों में लगाया गया है। Su-Kam सोलर उत्पादों की मांग Su-Kam के सोलर प्रोडक्ट की डिमांड देश में ही नहीं विदेश में भी हैं । कुंवर की सोच और कड़ी मेहनत ने उन्हें सच में एक राजकुमार बना दिया है ।