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Success story: 16 साल की उम्र में खोई सुनने की शक्ति, कड़ी मेहनत से बिना कोचिंग बनी IAS

Success Story : आज आपके लिए लेकर आए हैं ऐसी शख्सित के संघर्ष की दास्तान जिससे चुनौतियों से पार पाना सीखा जा सकता है। कहानी एक ऐसे आईएएस अधिकारी की है, जिसने 16 साल की उम्र में सुनने की शक्ति खो दी। ये कहानी 2018 बैच की यूपीएससी टॉपर आईएएस सौम्या शर्मा की है।

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Success story: 16 साल की उम्र में खोई सुनने की शक्ति, कड़ी मेहनत से बिना कोचिंग बनी IAS

IAS Saumya Sharma Success Story : यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना न जाने कितने अभ्यर्थी देखते हैं इसकी तैयारी करते हैं। लेकिन हर किसी का यह सपना साकार नहीं होता है। कड़ी मेहनत और निरंतरता के साथ धैर्य आपको सही दिशा में आगे बढ़ाता है, सफलता दिलाता है।  आज हम आपको आईएएस टॉपर सौम्या शर्मा की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं। जो लोगों को प्रेरित करने वाली है।

दिल्ली की रहने वाली सौम्या ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से ही की। इसके बाद उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल से लॉ की डिग्री प्राप्त की।जब वह लॉ के अंतिम साल में थी तभी उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने की ठान ली थी। आईएएस बनने तक के उनके सफर में तमाम रुकावट आईं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।सौम्या ने 2017 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी जिसमें उन्होंने नौ वीं रैंक हासिल कर टॉप में अपना स्थान बनाया।

सौम्या की प्रेरणादायक कहानी उन सबको प्रेरणा देती है जो अपने स्तर से किसी न किसी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं ।लेकिन वह डरे सहमे रहते हैं कि यह सब उनसे हो पाएगा  या नहीं। ऐसा नहीं था कि सौम्या के जीवन में रुकावट नहीं आई।रुकावटें आई लेकिन उन्होंने तमाम बाधाओं को पार कर सफलता प्राप्त की। परीक्षा के समय वह बुखार में थीं और उस दौरान ड्रिप चढ़ते  समय वह लगभग बेहोशी की हालत में थीं।लेकिन बाधाओं को उन्होंने चुनौती के रूप में लिया और उन्हें पर कर 2017 में यूपीएससी परीक्षा में नौ वीं रैंक प्राप्त की।

मुश्किलों का किया सामना

सौम्या ने जब यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का निर्णय लिया तब  प्री-एग्जाम की तैयारी के लिए उनके पास बहुत कम समय बचा था। उन्होंने कम समय में ही कड़ी मेहनत की। उनकी यह मेहनत रंग लाई और उन्होंने पहले ही प्रयास में प्री-एग्जाम पास कर लिया। इसके बाद मेंस परीक्षा की तैयारी में उन्होंने  जी-जान लगा दी।लेकिन मुश्किलों ने सौम्या की राह एक बार फिर घेरा, जिसे सौम्या ने कड़ा जवाब दिया। जिस दिन सौम्या को मेंस की परीक्षा देनी थी उस दिन उनको तेज बुखार आ गया था। तेज बुखार और बेहोशी की हालत में भी उन्होंने हार नहीं मानी।वह परीक्षा में शामिल हुईं। उनकी मेहनत रंग लाई सौम्या ने यह परीक्षा अच्छी रैंक से पास की। आज सौम्या शर्मा एक काबिल अफसर बन देश सेवा कर रही हैं।

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