इस शख्स ने मोटे अनाज की खेती के लिए अपनी जॉब तक छोड़ दी, मन की बात मे भी PM ने किया जिक्र

The Chopal, New Delhi: केंद्र सरकार किसानों को मोटा अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के नंद्याल जिले के रहने वाले केवी रामा सुब्बा रेड्डी का जिक्र किया. उन्होंने बाजरा उगाने के लिए अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ दी. भारत के सुझाव पर, संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया.
दुनिया भर में भारतीय मिशन भी बाजरा की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं. सरकार के ये प्रयास और दुनिया में बाजरा की बढ़ती मांग छोटे किसानों को बड़ी ताकत देगी. आंध्र प्रदेश के नंद्याल जिले के निवासी केवी रामा सुब्बा रेड्डी ने मोटे वेतन वाली नौकरी छोड़ दी. उन्होंने नौकरी छोड़ बाजरे की खेती शुरू कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने के.वी. रमा सुब्बा रेड्डी रविवार को अपने शो मन की बात में. किसान को लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी ट्वीट किया.
नौकरी छोड़ बाजरा उगाने लगे
आंध्र प्रदेश के नंद्याल जिले के रहने वाले केवी रामा सुब्बा रेड्डी ने अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी की. लेकिन बाजरे के फायदे जानने के बाद उन्होंने मोटी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ दी और बाजरा उगाना शुरू कर दिया. उनका कहना है कि उनकी मां द्वारा बनाए गए बाजरा के व्यंजन का स्वाद ऐसा था कि उन्होंने अपने गांव में बाजरा प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित कीं.
बाजरा पोषक तत्वों से भरपूर
बाजरा एक संपूर्ण आहार है जो हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है. इसमें प्रचुर मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं जो शरीर को सुरक्षा और शक्ति प्रदान करते हैं और रोग से लड़ने में सक्षम बनाते हैं. बाजरे के नियमित सेवन से शरीर को मोटापे से छुटकारा मिलता है. बाजरे को अपने नियमित आहार का हिस्सा बनाएं, तभी स्वस्थ शरीर जीवन भर आपका साथ देगा.
बाजरे से बने खाकरा, बिस्कुट और लड्डू
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट कर कहा कि कर्नाटक के कलाबुरगी में अलंद भूतई मिलेट्स फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च की देखरेख में पिछले साल काम शुरू किया था. यहां के लोग खाखरा, कुकीज और लड्डू पसंद करते हैं. दूसरी ओर, ओडिशा के सुंदरगढ़ आदिवासी जिले की लगभग 1500 महिलाओं का स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ओडिशा मिलेट मिशन से संबद्ध है. यहां महिलाएं बाजरे से बिस्कुट, रसगुल्ले, गुलाब जामुन और केक बनाती हैं. बाजार में इनकी भारी मांग के कारण महिलाओं की आय भी बढ़ रही है.
बाजरे की उपज में 20 साल का योगदान
महाराष्ट्र में अलीबाग के पास केनाड गांव की रहने वाली शर्मिला ओसवाल ने पिछले 20 वर्षों में बाजरा उत्पादन में अनोखे तरीके से योगदान दिया है. वह किसानों को स्मार्ट खेती का प्रशिक्षण देती हैं. उनके प्रयासों से न केवल बाजरा की उपज बढ़ी है, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ी है.
Read Also: LPG Cylinder Price: नीले और लाल LPG सिलेंडर के दाम ये है, करें चेक