The Chopal

किसानों की हुई मौज, इस फसल की खेती के लिए मिलेगा 90 प्रतिशत अनुदान

Mushroom Farming :सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना के तहत किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए 55 रुपए प्रति किट मूल्य है, लेकिन यह केवल 5 रुपए 50 पैसे में मिलेंगे। प्रत्येक किसान को 25 से 100 किट लेने की अनुमति होगी।

   Follow Us On   follow Us on
किसानों की हुई मौज, इस फसल की खेती के लिए मिलेगा 90 प्रतिशत अनुदान

The Chopal, Mushroom Farming : बिहार के नालंदा जिले के किसानों को बड़ी खुशखबरी मिली है। सरकार ने मशरूम के किसानों को खेती करने के लिए 90 प्रतिशत अनुदान देने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत सरकार किसानों की आय को बढ़ाना चाहती है और जिले में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देना है। सरकार ने इस साल जिले को 69,000 किलोग्राम मशरूम उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसे पूरा करने के लिए उद्यान अधिकारी राकेश कुमार ने किसानों को प्रोत्साहित करने की एक योजना शुरू की है।

इस योजना के तहत किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए 55 रुपए प्रति किट के हिसाब से मिलने वाली सिर्फ 5 रुपए 50 पैसे में दी जाएगी। प्रत्येक किसान को 25 से 100 किट लेने की अनुमति होगी। मशरूम की खेती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त किसानों को ही किट दी जाएगी। विभाग का मानना है कि प्रशिक्षण के बिना मशरूम की खेती करने से अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते और नुकसान होने की संभावना रहती है, इसलिए प्रशिक्षित व्यक्ति ही जिम्मेदार होंगे।

क्या होती है मशरूम किट? 

दरअसल, मशरूम किट में उगाने के लिए आवश्यक सभी सामग्री शामिल होती हैं, जैसे बीज, धान का स्ट्रॉ (भूसा) और अन्य आवश्यक सामग्री दी जाती। उचित देखभाल के साथ मशरूम की फसल दो से तीन हफ्तों में तैयार हो जाती है, और एक किट से लगभग तीन किलो उपज मिल सकती है। घर पर हर मौसम में मशरूम की खेती भी की जा सकती है, लेकिन सर्दियों में इसे खाने से रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है और बच्चों में कुपोषण को कम करने में भी मदद मिलती है। मशरूम का स्वाद बहुत अच्छा होता है, इससे पकोड़े और सब्जी बनाए जा सकते हैं।

किसानों के लिए शानदार अवसर 

योजना का लाभ उठाने के लिए Horticulture.bihar.gov.in पर किसान इसका लाभ ले सकते हैं। उन्हें आवेदन के साथ किसान पंजीकरण संख्या, पहचान पत्र, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक कागजात देना होगा. अधिक जानकारी के लिए उद्यान अधिकारी राकेश कुमार से संपर्क कर सकते हैं। ऐसे में, यह योजना नालंदा के किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकती है और जिले में मशरूम उत्पादकता को बढ़ाने का भी एक अवसर हो सकता है।

News Hub