इन्वेर्टर कितने यूनिट बिजली खाता है, तुरंत समझ जाएंगे क्यों आ रहा ज्यादा बिजली बिल
Electricity is Consumed by Inverter: गर्मी अब भारत के ज्यादातर हिस्सों में शुरू हो चुकी है। यही कारण है कि अगर आप इस समय एक इन्वर्टर खरीदने की योजना बना रहे हैं और बिजली के बिल को लेकर चिंतित हैं, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक इन्वर्टर आम तौर पर कितनी बिजली खपत करता है।

The Chopal : भारत में गर्मियों का मौसम अब शुरू हो गया है और पारा तेजी से बढ़ रहा है। तपती दोपहर या गर्म रात के बीच लाइट चले जाना एक सजा से कम नहीं है। तापमान बढ़ते ही पावरकट भी बढ़ता है। क्योंकि गर्मियों का मौसम आपको अगले 3 से 4 महीनों तक थका देगा। ऐसे में, अगर आप इस गर्मी से बचना चाहते हैं, तो इन्वर्टर आपका एकमात्र विकल्प है। इसकी मदद से आप बिजली कट की समस्या से बच सकते हैं और बिजली जाने पर पंखे और कूलर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालाँकि, कई यूजर्स चिंतित हैं कि इन्वर्टर का उपयोग करने से आपकी बिजली की खपत भी बढ़ जाती है। अब जानते हैं कि आपका इन्वर्टर कितनी बिजली खपत करता हैं।
बिजली कटने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए लोग अपने घरों में इन्वर्टर लगवा लेते हैं, ताकी बिजली न भी रहे तो उनका काम प्रभावित न हो। इन्वर्टर की बैटरी बिजली से चार्ज होती है। क्या आप जानते हैं कि इन्वर्टर की बैटरी चार्ज करने में कितनी बिजली की खपत होती है। यही कारण है कि अगर आप भी गर्मियों में इन्वर्टर खरीदने की योजना बना रहे हैं और बिजली के बिल को लेकर चिंतित हैं, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन्वर्टर अक्सर कितनी बिजली खपत करता है और इससे आपका बिजली का बिल कितना अधिक बढ़ सकता है।
बिजली को बदलता है
इन्वर्टर खुद से बिजली की खपत नहीं करता, बल्कि उसका काम सिर्फ बैटरी में मौजूद DC (Direct Current) को घर के उपकरणों के इस्तेमाल लायक AC (Alternating Current) में बदलना होता है। सब लोग जानते हैं कि इन्वर्टर Direct Current को Alternating Current में बदलता है। ऊर्जा को सिर्फ कनवर्ट करने के लिए इन्वर्टर सीधे जिम्मेदार नहीं है। देखें, इन्वर्टक एक भी यूनिट की बिजली नहीं खर्च करता।
यूपीएस इन्वर्टर में शामिल है
याद रखें कि UPS में इन्वर्टर सहित तीन उपकरण होते हैं: एक इन्वर्टर, बैटरी और चार्जर। ये तीन उपकरण पूरी तरह से पावर आउट होने पर भी पावर बैक-अप प्रदान करते हैं। इसमें बैटरी का मुख्य कार्य बिजली देना है। वहीं बैटरी उस ऊर्जा को चार्ज और फिर से इस्तेमाल करने के लिए स्टोर करती है।
बिजली की बचत
बैटरी से एनर्जी DC के रूप में निकलती है, लेकिन घरों या कार्यालयों में चलने वाले उपकरण AC करंट का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए हमें एक इन्वर्टर की आवश्यकता होगी जो इस करंट को AC में बदल देगा। 1000W के इन्वर्टर के लिए औसत स्टैंडबाय बिजली की खपत लगभग 10-20 वाट हो सकती है। इन्वर्टर लंबे समय में बिजली की खपत को कम करने में आपकी मदद करता है। आप इसे आसानी से घर में इंस्टॉल करवा सकते हैं।
कितने प्रकार के इन्वर्टर हैं?
आपको बता दें कि दो प्रकार के इन्वर्टर उपलब्ध हैं। इनमें प्योर साइन वेव और मॉडिफाइड साइन वेव इनवर्टर शामिल हैं। मॉडिफाइड साइन वेव इन्वर्टर कम बैटरी बैकअप के बावजूद सस्ते हैं। साथ ही, प्योर साइन वेव इनवर्ट सबसे अधिक पावर बैकअप देते हैं, लेकिन इसकी कीमत अधिक है। यह हाई एनर्जी कंजम्पशन वाले उपकरणों को आसानी से चलाता है। इनकी मदद से आप एसी, कूलर और अन्य उपकरणों का आराम से उपयोग कर सकते हैं।