UP के इस रिंग रोड के लिए 4500 किसानों की 221 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण

अहम प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद कानपुर होते हुए एमपी जाने वाले वाहनों को प्रयागराज में इंट्री नहीं करनी पड़ेगी। उधर, मध्य प्रदेश से कानपुर होते हुए वाराणसी जाने वालों लोगों को भी सुविधा होगी।
   Follow Us On   follow Us on
Now this ring road will be built in UP, land of 4500 farmers from different villages will be acquired

UP : उत्तर प्रदेश में आमजन की सहूलियत के लिए लगातार विभिन्न शहरों में रिंग रोड बनाने की प्रोजेक्ट चल रही है और कई जगह रिंग रोड बनाने के प्रोजेक्ट प्रस्तावित है. देश में लगातार केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा हाईवे और सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. जिसके कारण ट्रांसपोर्टेशन में सुधार और लोगों का शहरों के बीच आवागमन का समय भी घट जाएगा. इसके साथ-साथ बिजनेस भी बढ़ेगा.

महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक इनर रिंग रोड का प्रयागराज की जनता को बेसब्री से इंतजार है। महाकुंभ से पहले इनर रिंग रोड के प्रथम चरण का काम किया जाएगा। इसके अंतर्गत 45 गांवों से होकर यह रिंग रोड गुजरेगी। जिसमें प्रयागराज-रीवा राजमार्ग के पालपुर से मीरजापुर मार्ग से होते हुए सहसों बाईपास तक 29.466 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। पहले फेज में रिंग रोड की लागत 2990 करोड़ रुपये है।

पहले चरण में रिंग रोड बनाने के लिए लगभग 4500 किसानों की 221 हेक्टेयर यानी 884 बीघा जमीन का अधिग्रहण होगा। ग्रामीण इलाकों में जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों से दस्तावेज मांगे जा चुके हैैं। इसके अलावा किसानों को मुआवजा देने का काम तेजी से चल रहा है। 194 हेक्टेयर जमीन के लिए किसानों को 250 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है। 100 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा करछना व फूलपुर के किसानों को दिया जा चुका है।

चरण में प्रयागराज की 3 तहसील बारा, करछना और फूलपुर में 45 गांवों के किसानों से भूमि का अधिग्रहण होगा। परियोजना निदेशक पंकज मिश्रा के मुताबिक मुआवजे की शेष राशि भी अगले दो महीनों के भीतर सभी किसानों के खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी।

रिंग रोड का 29.8 किमी का हिस्सा दांदूपुर (रीवा रोड) से शुरू होगा और 194 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र को कवर करते हुए सहसों (एनएच-19) स्थित टोल प्लाजा से जुड़ जाएगा। इस रिंग रोड के निर्माण के लिए गंगा पर अरैल (नैनी) से शुरू होकर अधवा (झूंसी) पर उतरने वाला 3.2 किमी लंबा छह लेन का पुल भी बनाया जाएगा। सरकार भूमि अधिग्रहण के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये का मुआवजा देगी, जिसमें से लगभग 300 करोड़ रुपये निजी भूस्वामियों को दिए जाएंगे।

प्रयागराज में इंट्री नहीं करनी पड़ेगी

प्रयास किए जा रहे हैं कि महाकुंभ से जुड़ी इस खास परियोजना को समय रहते पूरा करा लिया जाए। इस अहम प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद कानपुर होते हुए एमपी जाने वाले वाहनों को प्रयागराज में इंट्री नहीं करनी पड़ेगी। उधर, मध्य प्रदेश से कानपुर होते हुए वाराणसी जाने वालों लोगों को भी सुविधा होगी।

Also Read : Delhi में तोड़ी जाएगी ये बिल्डिंग, लोगों को 30 तारीख तक खाली करने के निर्देश