Monsoon: राजस्थान में मानसून ने 7 दिन पहले खटखटाया दरवाजा, 38 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट
Rajasthan News: राजस्थान में इस बार मानसून ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है, जिससे आमजन को भीषण गर्मी से बड़ी राहत मिली है। आमतौर पर जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून राज्य में प्रवेश करता है, लेकिन इस बार 7 दिन पहले ही मानसून की एंट्री हो चुकी है।

Rajasthan Weather Update: प्रदेश में मानसून चालू है। पूर्वी राजस्थान में स्थापित प्रणाली अब दक्षिणी राजस्थान में चली गई है, इसलिए जोधपुर, अजमेर, कोटा और उदयपुर में तेज बारिश की चेतावनी दी गई है। इस बार राजस्थान में मानसून पहले से ही शुरू हो गया था। मानसून ने राज्य में सात दिन पहले प्रवेश किया है और आधे से अधिक राजस्थान को भिगो दिया है। कहीं हल्की बारिश होती है तो कहीं तेज हवा चलती है।
38 जिलों के लिए तीसरी चेतावनी
राजस्थान में आते ही मानसून तेज हो गया है। 37 जिलों में सिर्फ तीन दिन में सामान्य से अधिक बारिश हुई। वहीं, मौसम विभाग ने 38 जिलों के लिए तीसरी चेतावनी जारी की है। सात संभागों (जयपुर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर और अजमेर) में अच्छी बारिश हुई है। अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, जयपुर, झुंझुनूं, नागौर, सीकर, टोंक, उदयपुर सहित 38 जिलों में अगले 48 घंटे में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
झारखंड में बना हुआ लो-प्रेशर अब पश्चिमी बिहार के आसपास है। बादल भी जयपुर और भरतपुर में सक्रिय हैं। राज्य में अब तक सामान्य से 115 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जो 60 मिमी है। राजधानी जयपुर में 94 मिमी, सामान्य से ढाई गुना अधिक बारिश हुई है। लेकिन अब तक मानसून हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर में नहीं आया है। ये जिले लगातार गर्मी से परेशान हैं और मानसून का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही, मौसम विभाग ने बॉर्डर एरिया को अगले दो दिन तक गर्म रहने की चेतावनी दी है।
मॉनसून की गतिविधियां और तेज होंगी
बारिश के साथ क्षेत्र में नमी का स्तर भी बढ़ा है। 75 से 100 प्रतिशत हवा में आद्रता रहती है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बाद मानसून अब एक से दो दिन में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच सकता है। और जून तक पूरे देश में मानसून की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी, जिससे जून में ही 16 वर्षों में पांचवी बार देश भर में मानसून फैलने का रिकॉर्ड बन सकता है। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक मॉनसून की गतिविधियां और तेज होंगी, जिससे राज्य के शेष भागों में भी वर्षा की संभावना जताई गई है। इससे जहां खेती-किसानी को लाभ होगा, वहीं जल संकट झेल रहे इलाकों में भी पेयजल की स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।