राजस्थान में होगा 402 किमी. एक्सप्रेसवे का निर्माण, इन जिलों से निकलेगा
Amritsar-Jamnagar Economic Corridor: राजस्थान में अब तक बहुत अधिक संख्या में एक्सप्रेसवे नहीं हैं, लेकिन हाल ही में पेश किए गए राज्य बजट में 9 नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा की गई थी। इस महत्वाकांक्षी योजना से राज्य के परिवहन और अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।

Rajasthan News : पिछले साल राजस्थान बजट 2023 में घोषित 8 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में शामिल प्रदेश के सबसे लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जमीनी स्तर पर कार्य शुरू हो गया है। राजस्थान के पिछले साल के बजट में घोषित आठ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस में से एक, जो राज्य के सबसे लंबे है, जमीनी स्तर पर काम शुरू हो चुका है। राजस्थान के पिछले बजट में घोषित आठ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस में से एक, जालोर-झालावाड़ा परियोजना, जमीनी स्तर पर काम शुरू हो चुका है। जालोर-झालवाड़ा और अजमेर-बांसवाड़ा परियोजनाओं को उदयपुर पीडब्ल्यूडी (एनएच) विभाग ने नियंत्रित किया है।
विभागीय सूचना के अनुसार, इस बहुआयामी परियोजना के डीपीआर के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और संबंधित एजेंसी ने सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। एजेंसी को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) 18 महीने में देनी होगी। प्रदेश के सभी आठ एक्सप्रेस वे के लिए डीपीआर के ये ही लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इस साल राज्य बजट में इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए 60 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।
राजस्थान के सात परियोजनाओं के लिए भी काम तेज
जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस-वे (402 किमी) के अलावा सात अन्य परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है। इसके अंतर्गत कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे (181 किलोमीटर), जयपुर-भीलवाड़ा (193 किलोमीटर), बीकानेर-कोटपूतली (295 किलोमीटर), ब्यावर-भरतपुर (342 किलोमीटर), अजमेर-बांसवाड़ा (358 किलोमीटर), जयपुर-फलौदी (345 किलोमीटर) और श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे (290 किलोमीटर) का डीपीआर कार्य चल रहा है।
इसलिए जालोर के लिए महत्वपूर्ण कार्य
इस परियोजना को जामनगर-अमृतसर भारतमाला परियोजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जालोर में एग्रो उत्पादों में जीरा सबसे अधिक आयात होता है, जबकि जीवाणा में अनार की मंडी में सालाना 1000 करोड़ का व्यापार होता है।यह परियोजना जालोर के ग्रेनाइट सिटी के रूप में प्रसिद्ध उद्योग को भविष्य में नई उंचाइयों पर ले जाएगी।।
सभी परियोजनाओं की डीपीआर बनाई जा रही है
कुल 9 एक्सप्रेस वे घोषित किए गए, जिसमें से एक एनएचएई के क्षेत्र में है। पीडब्ल्यूडी (एनएच) अब 8 एक्सप्रेस है। जिनके लिए डीपीआर कार्य जारी है जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस वे भी इसमें शामिल है। जालोर के पास अमृतसर-जामनगर इकोनॉमी कोरिडोर से इसकी कनेक्टिविटी है, जबकि झालावाड़ के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस है. इस प्रस्तावित रूट की 402 किमी की एस्टीमेटेड कोस्ट 10 हजार 300 करोड़ है, जैसा कि पहले सर्वे में देखा गया है। जालोर-झालावाड़ वन क्षेत्र एक्सप्रेसवे जालोर से शुरू होकर सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बेगू, बिजौलिया, रावतभाटा, मोडक, चेचट और झालावाड़ तक जाएगा। जालोर-झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे (DPR) का काम शुरू हो चुका है। एजेंसी को 18 महीने में परियोजना रिपोर्ट देनी होगी।
इस प्रकार होगी कार्रवाई
- विभागीय जानकारी के अनुसार, डीपीआर रिपोर्ट तैयार होने के बाद प्रोजेक्ट की पूर्व-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
- प्रोजेक्ट का अलाइनमेंट और रूट निर्धारित करना अगली कड़ी में होगा।
- इस प्रक्रिया के बाद, काम के बीच आने वाले फोरेस्ट क्षेत्र का विश्लेषण किया जाएगा और विकल्प खोजे जाएंगे।
- प्रोजेक्ट के मार्ग निर्धारित होने के साथ, संबंधित मार्ग के दायरे में आने वाली जमीन को हटाने का कार्य होगा।