हरियाणा और राजस्थान में यहां बिछेगी 104 किलोमीटर की नई रेल लाइन, बनेंगे 7 नए स्टेशन
Haryana News : हरियाणा के एक लंबे समय से उपेक्षित इलाके के लोगों का 50 साल पुराना सपना अब हकीकत बनने जा रहा है। राज्य में 104 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बिछाने की योजना को मंजूरी मिल गई है। इस रेल मार्ग के बनने से आवागमन अत्यधिक आसान हो जाएगा और हजारों लोगों को सुविधाजनक परिवहन की सुविधा मिलेगी। साथ ही, यह क्षेत्र अब सामाजिक और आर्थिक विकास की मुख्यधारा में भी तेजी से जुड़ सकेगा।

Haryana Rail Project: हरियाणा की इस इलाके में 50 साल के बाद रेलवे लाइन बिछने वाली है. इस इलाके के लोगों का सपना पूरा होने वाला है. 104 किलोमीटर लंबी रेल मार्ग से लोगों का आवागमन आसान हो जाएगा. 50 वर्षों की मांग के बाद हरियाणा के मेवात क्षेत्र को रेल लाइन मिलेगी। नरेंद्र मोदी सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये की धनराशि इस परियोजना को दी है। दिल्ली से सोहना और फिरोजपुर झिरका से अलवर तक चलने वाली यह 104 किलोमीटर की रेल लाइन में सात स्टेशन होंगे।
यात्रा करने का सपना पूरा
हरियाणा में मेवात क्षेत्र के लोगों को यहां से जाती रेल देखने तथा यात्रा करने का सपना पूरा होने जा रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार ने 50 वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा किया है। रेलवे को परियोजना के लिए 2,500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। दिल्ली से सोहना तक और फिरोजपुर झिरका से अलवर तक एक 104 किलोमीटर का रेलमार्ग बनाया जाएगा। सात स्टेशनों का प्रस्ताव है। इसकी संख्या भी बढ़ सकती है। परियोजना के शेष प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं, जो तीन साल में पूरी होगी। 1971 में गुड़गांव के सांसद चौधरी तैयब हुसैन ने इस क्षेत्र के लिए एक रेलवे लाइन की मांग की।
केंद्रीय सरकार ने भी सर्वे कराया था
केंद्रीय सरकार ने भी सर्वे कराया था। इसके बाद, हर चुनाव में राजनीतिक पार्टियों ने नूंह को रेलवे से जोड़ने का दाव किया। सर्वे भी पांच बार किया गया था। मोदी सरकार ने पिछले बजट में राज्य सरकार की सिफारिश पर इस योजना को मंजूरी दी थी। दिसंबर 2024 में भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद धर्मबीर सिंह और गुड़गांव से सांसद तथा केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मेवात में रेलवे लाइन नहीं बनाने की मांग की थी। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि देश का सबसे पिछड़ा जिला नूंह रेलवे सुविधा से तरक्की करेगा और पिछड़ेपन का दर्जा छोड़ देगा।
मेवात क्षेत्र के लोगों का हरियाणा में चलने वाली रेल का सपना पूरा होने जा रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार ने 50 वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा किया है। रेलवे को परियोजना के लिए 2,500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। दिल्ली से सोहना तक और फिरोजपुर झिरका से अलवर तक एक 104 किलोमीटर का रेलमार्ग बनाया जाएगा। सात स्टेशनों का प्रस्ताव है। इसकी संख्या भी बढ़ सकती है। परियोजना के शेष प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं, जो तीन साल में पूरी होगी। 1971 में गुड़गांव के सांसद चौधरी तैयब हुसैन ने इस क्षेत्र के लिए एक रेलवे लाइन की मांग की।
केंद्रीय सरकार ने भी सर्वे कराया था
केंद्रीय सरकार ने भी सर्वे कराया था। इसके बाद, हर चुनाव में राजनीतिक पार्टियों ने नूंह को रेलवे से जोड़ने का दाव किया। सर्वे भी पांच बार किया गया था। मोदी सरकार ने पिछले बजट में राज्य सरकार की सिफारिश पर इस योजना को मंजूरी दी थी। दिसंबर 2024 में भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद धर्मबीर सिंह और गुड़गांव से सांसद तथा केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मेवात में रेलवे लाइन नहीं बनाने की मांग की थी। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि देश का सबसे पिछड़ा जिला नूंह रेलवे सुविधा से तरक्की करेगा और पिछड़ेपन का दर्जा छोड़ देगा।