राजस्थान के गांवों-गांवों पहुंचेगी अब रोडवेज, सड़कों पर दौड़ेगी 365 नई बसें
Rajasthan News: राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) ने ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधा को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस योजना के तहत, 362 नए रूटों पर बस सेवाएं शुरू की जाएंगी, जिससे ग्राम पंचायत मुख्यालयों को ब्लॉक और जिला मुख्यालयों से जोड़ा जाएगा।

Buses in rajasthan: राजस्थान रोडवेज की बसें अब गांव-गांव के बीच चलने वाली है। राजस्थान रोडवेज की ओर से ग्रामीण लोक परिवहन सेवा के तहत बसें अब गांव-गांव तक पहुंचेगी। ग्रामीण मार्ग पर संचालित होने वाली बसें ग्राम पंचायत मुख्यालयों तक जाएंगी। इस पहल से ग्राम पंचायत मुख्यालयों तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा होगी। इससे यात्रियों को सस्ता और सुगम परिवहन उपलब्ध होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
अब राजस्थान रोडवेज द्वारा संचालित ग्रामीण लोक परिवहन सेवा के तहत बसें गांव-गांव तक पहुंच जाएंगी। प्रबंधन इसकी तैयारी कर रहा है। प्रदेश के आगारों की आवश्यकतानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बसें चलाया जाएगा। कुल 365 बसों का संचालन प्रस्तावित है। निजी ऑपरेटर ग्रामीण लोक परिवहन सेवा के तहत बसों को चलाएंगे। बसों को ट्रेक करने के लिए GPS लगेंगे।
अब राज्य में ग्रामीण क्षेत्र के मार्गों और राज्य राजमार्गों पर ग्रामीण लोक परिवहन सेवा की बसें चलती नजर आएंगी। रोडवेज प्रबंधन ने मार्ग निर्धारित करके टेंडर जारी किए हैं। मार्च के पहले सप्ताह में प्रक्रिया पूरी होने के बाद बसें ग्रामीण क्षेत्रों में चलाने की योजना है। बसों को रैवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर चलाया जाएगा।
ग्रामीण यात्रियों को सुविधा मिलेगी
ग्राम पंचायत मुख्यालयों तक बसें ग्रामीण मार्ग पर जाएंगी। ऐसे में ग्रामीण लोगों को ग्रामीण लोक परिवहन की सुविधा अपने घर से ही मिलेगी। हालाँकि आजकल ग्रामीण मार्गों पर बहुत कम बसें चलती हैं। रोडवेज के नए योजना में अधिकांश ग्राम पंचायतें शामिल हैं, जहां पहली बार रोडवेज बसों का संचालन होगा। यात्रियों को भी रोडवेज की तरह रियायतें और सुविधाएं मिलेंगे।
इन जिलों में
मुख्य रूप से, आबूरोड से 2, अजमेर से 2, अजमेरइल से 5, अलवर से 5, अनूपगढ़ से 4, भीलवाड़ा से 15, बीकानेर से 11, बाड़मेर से 16, बूंदी से 9, भरतपुर से 7, बारा से 12, बांसवाड़ा से 13, ब्यावर से 3 बसें चलाई जाएंगी।
इसी तरह, चूरू से 4, चित्तौड़गढ़ से 10, डीडवाना से 5, धौलपुर से 6, डूंगरपुर से 10, दौसा से 9, फालना से 7, गंगानगर से 5, हनुमानगढ़ से 7, हिंडौन-करौली से 12, जोधपुर से 14, झुंझुनू से 5, जालौर से 12 बसें प्रस्तावित हैं।
इसके अलावा, झालावाड़ से 8, जैसलमेर से 9, कोटा से 5, कोटपुतली से 9, खेतड़ी से 5, लोहारगढ़ से 5, नागौर से 7, पाली से 6, फलोदी से 12, प्रतापगढ़ से 5, राजसमंद से 8, सरदारशहर से 3 और शाहपुरा से 4 बसें संचालित होंगी।
बाड़मेर से उदयपुर तक सबसे अधिक बसें
प्रदेश के डिपो में बाड़मेर और उदयपुर दोनों डिपो के माध्यम से 16-16 बसों का संचालन रूरल रूट पर होगा। वहीं आबूरोड़ डिपो को कम से कम दो बसें मिलेगी। 48 रोडवेज डिपो से बसों का संचालन होगा। कई सड़कों की दूरी 20 किमी से भी कम है। वहाँ भी बसें चलेगी।
22 सीटर डीलक्स बसें होंगी
22 सीटर डीलक्स बसें ग्रामीण क्षेत्रों पर चलेगी। 1 अप्रेल 2020 के बाद, बसों को रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है। वाहन बीएस-6 मानक भी होना चाहिए। बसों को हर दिन कम से कम एक और अधिकतम दस ट्रिप करने की आवश्यकता होगी। 20 किमी से कम की दूरी पर 8 किमी और 250 किमी से अधिक की दूरी पर एक ट्रिप चलाया जाएगा।