राजस्थान से निकलेगा 404 किलोमीटर का नया एक्सप्रेसवे, 3 राज्यों में बनेगी सीधी कनेक्टिविटी
Chambal expressway : चंबल एक्सप्रेसवे 404 किलोमीटर लंबा होगा और यह राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश को जोड़ेगा। नितिन गडकरी ने 2021 में इसकी घोषणा की थी। इस एक्सप्रेसवे के बनने से कोटा से इटावा का सफर महज चार घंटों का रह जाएगा।

Chambal Expressway Route Map : देश में सरकार का जोर एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने पर है ताकि बड़े शहरों के बीच की दूरी कम की जा सके। राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच बेहतर कनेक्टिविटी की खातिर सरकार चंबल एक्सप्रेसवे बना रही है। चंबल के बीहड़ों में चंबल नदी के साथ बनाए जाने वाले इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 404 किलोमीटर है। इसे अटल प्रोग्रेसवे भी कहा जाता है। साल 2021 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस एक्सप्रेसवे के निर्माण की घोषणा की थी। जमीन अधिग्रहण में अड़चन के कारण अभी चंबल एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
चंबल एक्सप्रेसवे से न केवल कनेक्टिविटी बेहतर होगी बल्कि यह पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगा। राजस्थान और मध्य प्रदेश के रिजर्व एरिया को इसके माध्यम से जोड़कर पर्यटन को बढ़ावा देने का सरकार का प्लान है। चंबल एक्सप्रेसवे के रूट पर ही रणथंभौर टाइगर रिजर्व, कूनो नेशनल पार्क और चंबल सेंचूरी स्थित है। इन तीनों ही जगहों पर इस एक्सप्रेसवे बनने से पर्यटन गतिविधियों को बढावा मिलेगा।
चंबल एक्सप्रेसवे रूट
चंबल एक्सप्रेसवे राजस्थान के कोटा के सिमलिया से शुरू होकर मध्य प्रदेश के श्योपुर, सबलगढ़, मुरैना और भिंड से होते हुए उत्तर प्रदेश के इटावा के ननावा तक बनना है। राजस्थान में यह एक्सप्रेसवे करीब 72 किलोमीटर लंबा बनना है। मध्य प्रदेश में इसका निर्माण करीब 314 किलोमीटर तक होना है और यह प्रदेश के चार जिलों से गुजरेगा। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में इसकी लंबाई 23 किलोमीटर है।
12 घंटे का सफर रह जाएगा 4 घंटे का
राजस्थान के कोटा से अभी यूपी के इटावा जाने में 12 घंटे का समय लगता है। बढिया सड़क और सीधा रास्ता न होने की वजह से यात्रा में लगभग पूरा दिन खप जाता है। चंबल एक्सप्रेसवे बन जाने से कोटा से इटावा तक सीधा रास्ता बन जाएगा। इस एक्सप्रेसवे पर गाडियों की गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसी वजह से कोटा से इटावा केवल 4 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। कोटा में यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी कनेक्ट होगा। इसके अलावा यह आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा।
अभी क्या है स्टेटस
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत सबसे पहले मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 2020 में की थी। 2021 में इसे भारतमाला परियोजना के पहले चरण में शामिल किया गया था। इसके बाद 2022 में इसकी निर्माण स्वीकृति जारी की गई और डीपीआर तैयार करने के लिए नोटिस भी निकाला गया। मध्यप्रदेश में चंबल एक्सप्रेसवे का एलाइनमेंट का काम पूरा हो गया है। लेकिन, भूमि अधिग्रहण का मसला अभी पूरी तरह नहीं सुलझा है। इस वजह से इस एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है।