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8th Pay Commission : फिटमेंट फैक्टर के साथ होंगे कई बड़े बदलाव, कर्मचारियों की सैलरी हो जाएगी लगभग दुगुनी

8th Pay Commission :केंद्र सरकार हर दशक में एक नया वेतन आयोग बनाती है। ऐसे में जनवरी 2016 में सरकार ने 7वां वेतन आयोग लागू किया। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का वेतन कैलकुलेशन किया जाता है। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की आय निर्धारित की जाती है। इस खबर में आज हम 8वें वेतन आयोग से जुड़ी कुछ जानकारी देंगे। 

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8th Pay Commission : फिटमेंट फैक्टर के साथ होंगे कई बड़े बदलाव, कर्मचारियों की सैलरी हो जाएगी लगभग दुगुनी 

The Chopal, 8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग को जनवरी 2025 की शुरुआत में समाप्त कर दिया गया है। सरकार हर दस वर्ष बाद एक नया पे कमीशन बनाती है। यह निर्णय केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी प्रणाली में बदलाव करने के लिए किया गया है। सातवां वेतन आयोग पहली बार 2016 में लागू हुआ था और 2025 के अंतिम महीने में समाप्त होगा। 

यही कारण है कि जनवरी 2025 में केंद्रीय मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके लागू होने का इंतजार कर रहे हैं 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगियों। वास्तव में, नया वेतन आयोग लागू होते ही कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बहुत बढ़ जाएगी। इस बीच, एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। आठवें वेतन आयोग में दो बड़े बदलाव होंगे। नीचे खबर में जानें  

फिटमेंट फैक्टर भी जताई संभावना:

8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission Update) 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा की है। सरकारी कर्मचारियों के वेतन में इसके बाद से बढ़ौतरी की उम्मीद है। इस वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (8th CPC) भी अटकले लगाए जा रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारियों की सैलरी केवल फिटमेंट फैक्टर पर वृद्धि की जाएगी। 

वेतन आयोग में ये बदलाव होंगे:

8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission latest Update) में दो महत्वपूर्ण बदलाव होने वाले हैं, विभिन्न रिपोर्टों और विश्लेषकों के अनुमानों के अनुसार। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए ये बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो सकते हैं। वेतन आयोग में ये बदलाव होंगे:

फिटमेंट फैक्टर भी बदल जाएगा:

7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, इसके मुताबिक न्यूनतम वेतन 7 हजार से बढ़कर18 हजार हो गया था। 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.86 या इससे अधिक करने का मुद्दा उठाया गया है। यदि ऐसा होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन (Basic Salary in 8th CPC) 18 हजार से बढ़कर 51,480 हो सकता है। यह बदलाव कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में काफी बढ़ोतरी लाएगा, जिससे महंगाई भत्ता (DA) और अन्य लाभ प्रभावित होंगे।

DA ने जताई ये भूमिका:

महंगाई भत्ता (Dearness Allowance, DA) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, विशेष रूप से भारत में वेतन आयोगों के संदर्भ में। महंगाई के प्रभाव से कर्मचारियों के वेतन को बचाना और उनकी क्रय शक्ति को बनाए रखना DA का लक्ष्य रहेगा। DA की भूमिका वेतन संशोधन के दौरान निम्नलिखित तरीकों से समझाई जाती है:

DA पूर्व वेतन में समायोजन

कर्मचारी को मूल वेतन (Basic Pay in 8th CPC) के साथ-साथ DA भी मिलाया जाता है, वेतन बदलाव से पहले। जो महंगाई के अनुसार समय-समय पर बढ़ाया जाएगा। DA मूल वेतन का एक प्रतिशत है और अक्सर हर छह महीने में बदलता है।

DA (DA hike update) को पुराने मूल वेतन के साथ मिलाकर एक आधार राशि बनाया जाता है जब नया वेतन आयोग लागू होता है। जानकारी के लिए, 7वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले, 1 जनवरी 2016 तक DA को 125 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था।

नवीनतम वेतन आयोग का DA पर प्रभाव—

वर्तमान मूल वेतन और उस समय लागू DA (DA Hike नवीनतम अपडेट) को नए वेतन आयोग में जोड़ा जाता है। फिर फिटमेंट फैक्टर को इस पूरे पैसे पर लागू किया जाता है। हालाँकि, नए वेतन संशोधन के बाद DA को अक्सर शून्य से शुरू कर दिया जाता है क्योंकि पुराना DA नए वेतन में शामिल हो जाता है।

जानें फिटमेंट फैक्टर:

भारत में फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों के वेतन संशोधन के लिए उपयोग किया जाता है। विशेष रूप से वेतन आयोगों के कामकाज के दौरान  जानकारी के लिए बता दें कि फिटमेंट फैक्टर एक गुणक है जो पुराने वेतन को नए वेतन संरचना में बदलता है। इसका मुख्य उद्देश्य महंगाई और जीवन-यापन की खर्चों के साथ कर्मचारियों के वेतन को बदलना है।

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