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हरियाणा के इस जिले में बनेगा 45 किमी लंबा रिंग रोड और 4 बाईपास, एक फोरलेन से मिलेगा फायदा

Haryana News : हरियाणा में सड़क कनेक्टिविटी मजबूत करने की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य के इस जिले में 4 बाईपास और एक रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा। इनके निर्माण को लेकर रास्ता साफ हो गया है। यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद लोगों को सफर करने में काफी आसानी होगी।

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हरियाणा के इस जिले में बनेगा 45 किमी लंबा रिंग रोड और 4 बाईपास, एक फोरलेन से मिलेगा फायदा

Haryana News : हरियाणा में साल 2025 बड़ी योजनाओं की सौगात लेकर आएगा। इस वर्ष कई योजनाएं शुरू होंगी और कुछ पर काम शुरू होगा। इसी के साथ एक बड़ी सौगात प्रदेश के इस जिले में राज्य के इस जिले में 4 बाईपास और एक रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा। इन नए बाईपास निर्माण के साथ ही भिवानी शहर के चारों तरफ करीब 45 किलोमीटर लंबा रिंग रोड का प्रारूप तैयार होगा। जिसके जरिए शहर के बाहर से ही भारी वाहन आवागमन करेंगे और हिमाचल से लेकर राजस्थान, दिल्ली, मेरठ, पंजाब, महाराष्ट्र मुंबई तक सफर आसान होगा।

आपको बता दे की भिवानी में अब शहर के चारों तरफ ड्रीम प्रोजेक्ट के करीब 45 किलोमीटर लंबे रिंग रोड का सपना जल्द साकार होगा। करीब 800 करोड़ के बजट से भिवानी-हांसी तक 43 किमी फोरलेन और भिवानी बाईपास निर्माण का काम तेजी से चल रहा है, इसके दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद करीब ढाई सौ करोड़ के बजट से हांसी रोड के तिगड़ाना मोड़ से लोहारू रोड को जोड़ने का नया बाईपास भी बनेगा।

रिंग रोड के बनने से भिवानी शहर का दायरा भी बढ़ेगा और तेजी से विकास होगा। इसी के साथ दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे पर चार नए बाईपास की अलाइनमेंट पर भी केंद्रीय मंत्रालय में मंथन चल रहा है। जिसकी अगुवाई खुद भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह कर रहे हैं।

रोहतक रोड के निनान से लेकर दादरी और लोहारू रोड तक बाईपास बनाए जाने के बाद इसे जींद, महम और हांसी रोड से जोड़ने का काम चल रहा है। करीब दस किलोमीटर दायरे में बाईपास का हिस्सा तैयार किया जा रहा है। इसी प्रोजेक्ट में भिवानी-हांसी 43 किमी का फोरलेन भी शामिल है। इसकी लागत करीब 800 करोड़ है। दिसंबर तक इस सड़क परियोजना पर काम पूरा होने की उम्मीद है।

इसके बाद भिवानी शहर के चारों तरफ रिंग रोड का दायरा बनाने के लिए केवल तिगड़ाना मोड़ से लोहारू रोड तक करीब दस किलोमीटर का हिस्सा ही बचता है। इस हिस्से में नया बाईपास निर्माण के लिए करीब ढाई करोड़ की परियोजना भी तैयार हो चुकी है। इसकी अलाइनमेंट भी केंद्रीय मंत्रालय के पास भेजी जा चुकी हैं। केंद्रीय मंत्रालय की बैठक होने का इंतजार है।
इसमें इन अलाइनमेंट पर अंतिम मोहर लगने के बाद भूमि अधिग्रहण और फिर बाईपास निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। रिंग रोड के जरिए शहर के सभी प्रमुख नेशनल और स्टेट हाईवे आपस में जुड़ जाएंगे। दूसरे प्रांतों और शहरों से आने वालों को भिवानी में प्रवेश की जरूरत नहीं होगी, बल्कि इसी रिंग रोड के जरिए गंतव्य तक कम समय में जल्दी पहुंचा जा सकेगा।

चार बाईपास की अलाइनमेंट को भी मिलेगी जल्द मंजूरी, सांसद खुद कर रहे निगरानी

दिल्ली-पिलानी नेशनल हाईवे 709 ई के दायरे में आने वाले चार बाईपास की अलाइनमेंट को भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसकी निगरानी खुद महेंद्रगढ़-भिवानी के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह कर रहे हैं। इन चार बाईपास में लोहानी, ढिगावामंडी, जूई और सिंघानी (लोहारू) शामिल है। इन चारों बाईपास की अलाइनमेंट केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष भेजी जा चुकी है। केंद्रीय मंत्रालय की बैठक में इन्हें मंजूरी मिल जाएगी। इसको लेकर जल्द ही बैठक हो सकती है। इसी बैठक में भिवानी के बचे हुए बाईपास का मसौदे को भी मंजूरी दिलाई जाएगी।

बाईपास बनने से पहले ही भूमाफिया भी सक्रिय, काटी जा रही कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी

शहर का रिंग रोड ड्रीम प्रोजेक्ट है। ये इसलिए भी अहम है कि भिवानी के चारों तरफ ये रिंग रोड करीब 45 किलोमीटर का घेरा बनाएगा। मुख्य शहर हर तरफ से करीब पांच से छह किलोमीटर दायरे में ही सिमटा हुआ है। इसके बाद यह तेजी से बढ़ पाएगा। इसी को लेकर भू माफिया भी सक्रिय हो गया है। शहर के आसपास गांवों की कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां भी तेजी से काटी जा रही हैं। हालांकि जिला नगर योजनाकार का पीला पंजा भी लगातार चल रहा है, बावजूद इसके अवैध कॉलोनाइजर यहां प्लाट काटकर इनकी धड़ल्ले से बिक्री में जुटे हैं। इसमें गांव देवसर, बापोड़ा, कालुवास, नाथुवास, हालुवास में कुछ अर्से में ही अवैध कॉलोनियां अस्तित्व में आई हैं।

भिवानी-हांसी फोरलेन और करीब दस किलोमीटर दायरे में बाईपास निर्माण का काम दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा तिगड़ाना मोड़ से लोहारू रोड को जोड़ने के लिए करीब दस किमी नए बाईपास के निर्माण की प्रक्रिया केंद्रीय मंत्रालय में चल रही है। जिसकी इसी साल जून तक मंजूरी की उम्मीद है। इसके बाद भूमि अधिग्रहण और बाईपास निर्माण के टेंडर की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

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