UP से मध्यप्रदेश तक 2000 करोड़ से बनेगा 4 लेन हाईवे, साल 2028 में दौड़ेगे वाहन
MP News : मध्य प्रदेश में गांव और शहरों की आवागमन कनेक्टिविटी आसान बनाने के लिए रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की कई प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। मध्य प्रदेश के इस जिले में दूसरे फोरलेन बनाने की निर्माण प्रक्रिया अब शुरू कर दी गई है। इसे हाईवे प्रोजेक्ट पर लगभग 2000 करोड रुपए की लागत राशि खर्च होने वाली है। इसे हाईवे की लंबाई 98 किलोमीटर रहने वाली है। इस प्रोजेक्ट से कई इलाकों के लोगों व्यापारियों और उद्योगों के लिए नए अवसर लेकर आएगा।

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में सड़क अवसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से एक प्रमुख परियोजना है। इस हाईवे का निर्माण पर्यटन को बढ़ावा देने और इन क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुधारने के लिए किया जा रहा है। यह परियोजना क्षेत्रीय व्यापार, उद्योगों और पर्यटन स्थलों जैसे खजुराहो और बांधवगढ़ नेशनल पार्क के लिए नए अवसर लेकर आएगी। छतरपुर, मध्य प्रदेश में दूसरे फोरलेन हाईवे का निर्माण शुरू हो गया है। बता दे की 98 किमी लंबा यह हाईवे करीब 2000 करोड़ रुपये में बनेगा।
बुंदेलखंड अब विकास की नई राह
कभी सड़कों के मामले में पिछड़ा माने जाने वाला बुंदेलखंड अब विकास की नई राह पर चल रहा है। छतरपुर जिले में पहले भोपाल-कानपुर फोरलेन (Bhopal-Kanpur highway) का निर्माण शुरू हो गया है। यह फोरलेन 2026 के बजाय 2028 तक बनकर तैयार होगा, जो पहले तय समय था। कबरई-सागर फोरलेन, छतरपुर और महोबा को कारोबार की राजधानी कानपुर और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से जोड़ेगा, जो क्षेत्र में आर्थिक विकास को नई ऊंचाई देगा। भोपाल-कानपुर हाइवे, जो 526 किलोमीटर लंबा है और सागर से कानपुर तक 232 किलोमीटर का फोरलेन बनाएगा, तीन साल में 4290 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा।
किसानों, उद्योगों और व्यापारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा
यह राजमार्ग दोनों राज्यों की आर्थिक वृद्धि को नई दिशा देगा। किसानों को बड़े बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी और व्यापारियों और उद्योगों के लिए यह नया अवसर होगा। कृषि उत्पादों की आवाजाही तेज और आसान होगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।
दो चरणों में दो हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे
कबरई-सागर फोरलेन के फेज 3 और 4 का टेंडर पूरा हो गया है। कुल 98 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण छतरपुर जिले की सीमा में साठिया घाटी से चौका गांव तक तीसरे फेज में और चौका गांव से कैमाहा बैरियर तक चौथे फेज में किया जाएगा। इन दो प्रक्रियाओं पर लगभग दो हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
तीसरा फेज: 55 किलोमीटर लंबा फोरलेन, लागत 1008 करोड़ रुपए।
चौथा फेज: 43 किलोमीटर लंबा फोरलेन, लागत 997 करोड़ रुपए।
तीसरे फेज का ठेका एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर को मिला।
चौथे फेज का ठेका बेलजी कंपनी को मिला।
2028 तक काम पूरा होगा
यह फोरलेन भारतमाला श्रृंखला के अंतर्गत बनाया जा रहा है और 2027-28 तक पूरा होगा,” प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवेंद्र चापेकर ने यह जानकारी दी हैं। इससे बुंदेलखंड क्षेत्र में विकास की नई अवसर पैदा होंगे।