UP में एक स्टेशन नई दिल्ली की तर्ज पर किया जा रहा विकसित, बनेंगे नए 13 प्लेटफार्म
UP News : देश में केंद्र सरकार की देखरेख में स्टेशन योजना की शुरुआत हो चुकी है। इस परियोजना से रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी। रेलवे स्टेशनों को आधुनिक और पुनर्निर्माण की भूमिका इसमें बनाई गई है। इसमें रेलवे, बस, मेट्रो और डिजिटल तकनीकी लॉजिस्टिक सुविधाओं के एकीकृत नेटवर्क के रूप में सुविधा और दक्षता मुहिया करवाएगी.

Uttar Pradesh News : देशभर में केंद्र सरकार की देखरेख में "अमृत भारत स्टेशन योजना" के तहत रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य जोरों पर है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय रेलवे को आधुनिक, सुविधायुक्त और भविष्य की जरूरतों के अनुकूल बनाना है। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन में नई दिल्ली स्टेशन की तरह 13 प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे। दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग स्थित इस स्टेशन से 70 ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
नई दिल्ली स्टेशन की तरह 13 प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे
बोड़ाकी रेलवे स्टेशन में नई दिल्ली स्टेशन की तरह 13 प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे। इस स्टेशन को दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर स्थित है, जहां से यूपी-बिहार और बंगाल की 70 ट्रेनें गुजरती हैं। इस पर लगभग एकमत है। बीते दिनों, रेल मंत्रालय और डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन की एक टीम ने साइट का निरीक्षण किया था। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) के अंतर्गत बोड़ाकी गांव में 358 एकड़ का मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) प्रस्तावित है। इसकी चारदीवारी की खुदाई शुरू हो गई है। पिछले दिसंबर में परियोजना को विशिष्ट रेलवे परियोजना घोषित किया गया था। इससे काम की गतिशीलता की उम्मीद बढ़ी है। जमीन अधिग्रहण अंतिम चरण में है।
विकास कार्यों की निविदा निकाली जाएगी
अधिकारी ने कहा कि कार्य पूरा होते ही मास्टर प्लान बनाकर विकास कार्यों की निविदा निकाली जाएगी। ग्रेनो प्राधिकरण एसीईओ और आईआईटीजीएनएल की निदेशक श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब विश्वस्तरीय होगा। वंदेभारत सहित 70 ट्रेनें ग्रेटर नोएडा बोड़ाकी रेलवे स्टेशन से चलेंगे। लेकिन भविष्य में इनकी संख्या अधिक हो सकती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और केंद्र सरकार की संयुक्त कंपनी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) परियोजना का निर्माण करेंगे। प्राधिकरण जमीन मुफ्त देता है। DMCI इसके विकास पर खर्च करेगा। बजट लगभग 1625 करोड़ रुपये है। यहां से क्षेत्रीय और अंतरराज्यीय मिलाकर 80 बसों का संचालन किया जाएगा।
एक क्षेत्र में मेट्रो, बस और ट्रेन उपलब्ध होंगे
इस परियोजना को पूरा करने का समय दो से तीन साल है। Multimodal Transport Hub में लोगों को ट्रेन, मेट्रो और बस की सुविधा मिलेगी। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब में भी महत्वपूर्ण सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जैसे कोच मेंटेनेंस यार्ड, सीवेज शोधन संयंत्र और जल शोधन संयंत्र।
दिल्ली पर दबाव कम करने की कोशिश
ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब परियोजना का उद्देश्य दिल्ली के रेलवे स्टेशन और आनंद विहार स्थित अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (ISBT) पर यात्रियों के बढ़ते दबाव को कम करना है। यहां सभी प्रमुख ट्रेनों (पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल) का ठहराव होगा। अंतरराज्यीय बसों भी चलेंगे।
किस क्षेत्र में क्या होगा?
जोन-1 में मेट्रो रेल ट्रांजिस्ट सिस्टम, क्षेत्रीय बस टर्मिनल (एलबीटी), अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) और खुदरा कारोबार की व्यवस्था होगी।
जोन-2 में एक रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। व्यापार और खुदरा दोनों के लिए सुविधा होगी। यहां होटल, रेलवे ओवरब्रिज, रेलवे यार्ड और बहुमंजिला पार्किंग की सुविधा होगी।
मेट्रो की एक्वा लाइन बढ़ाई जाएगी
Aqva Metro Line को ग्रेटर नोएडा के डिपो स्टेशन से बोड़ाकी स्थित मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTC) तक बढ़ाने की योजना है। 2.6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक इसके लिए बिछेगा। केंद्रीय सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है। केंद्र से मंजूरी मिलने पर नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) इस मार्ग के लिए एक डिजाइन कंसल्टेंट चुनेगा। निर्माण शुरू करने के लिए इसके बाद टेंडर जारी किया जाएगा।