Ancestral Property : क्या पिता को पैतृक संपत्ति बेचने रोक सकती है संतान, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
Rights to sell ancestral property :आजकल, प्रोपर्टी विवादों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। संपत्ति विवादों के मामले बार-बार अलग-अलग कोर्टों में आते रहते हैं। इनमें पैतृक संपत्ति पर विवाद भी शामिल हैं। ज्यादातर लोग पैतृक संपत्ति को बेचने के अधिकार से अनजान हैं। इसलिए यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चल सकता है कि किसके पास पैतृक संपत्ति बेचने का अधिकार है। कोर्ट ने इस पर महत्वपूर्ण निर्णय दिया है।
The Chopal, Rights to sell ancestral property : पैतृक संपत्ति बेचने से पिता को रोका जा सकता है या नहीं, इस सवाल का कानूनी तौर पर सही जवाब बहुत कम लोग जानते होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पैतृक संपत्ति के मामले में सेल राइट यानी इसे बेचने के अधिकार पर महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। कोर्ट ने फैसला दिया है कि पिता को पैतृक संपत्ति बेचने से रोका जा सकता है या नहीं। यह भी स्पष्ट किया गया है कि क्या बेटे और अन्य हिस्सेदार इसे बेच सकते हैं। इस महत्वपूर्ण खबर से सब कुछ जानें।
ये आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए परिवार का मुखिया पैतृक संपत्ति बेच सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया है कि पारिवारिक मुखिया को पारिवारिक कर्ज चुकाने या अन्य कानूनी आवश्यकताओं के लिए पैतृक संपत्ति बेचने से कोई नहीं रोक सकता। पुत्र या अन्य पक्षकार भी उसे कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकते। पचास चार साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए एक मुकदमे को सिरे से खारिज कर दिया है।
पिता या हिस्सेदार अदालत में चुनौती नहीं दे सकते
कोर्ट ने पैतृक संपत्ति को बेचने का अधिकार और स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि पिता ने कानूनी आवश्यकता के लिए संपत्ति बेची है, तो हिस्सेदार इसे अदालत में चुनौती नहीं दे सकते। फिर, चाहे पुत्र हो या कोई और, वह इसमें भागीदार है। 1964 में एक बेटे द्वारा अपने पिता के खिलाफ दायर केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने तक पिता और पुत्र दोनों मर चुके थे, लेकिन उनके उत्तराधिकारियों ने मामले को चलाया।
ऋण चुकाने के लिए परिवार के मुखिया को पैतृक संपत्ति बेचने का अधिकार है
न्यायाधीशों की पीठ ने पैतृक संपत्ति बेचने के हक पर यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया कि हिंदू कानून के अनुच्छेद 254 में पिता द्वारा संपत्ति बेचने के नियम स्पष्ट किए गए हैं। कोर्ट में पेश हुए मामले के अनुसार, प्रीतम सिंह के परिवार पर कर्ज था और उन्हें खेती की जमीन को सुधारने के लिए धन की भी आवश्यकता थी। पीठ ने कहा कि प्रीतम सिंह के परिवार पर कर्ज होने के कारण उसे कर्ज चुकाने के लिए अपनी संपत्ति बेचने का पूरा अधिकार था।
वह इस पैसे से अपना कर्ज चुकाकर खेती की जमीन को बेहतर बना सकता है। कर्ता पैतृक संपत्ति (चल या अचल) बेच या गिरवी रख सकता है, जैसा कि कानून का अनुच्छेद 254(2) कहता है। उसने पुत्र और पौत्र के हिस्से को भी कर्ज चुकाने के लिए बेच सकता है अगर जरूरत पड़ी। लेकिन इसमें एक शर्त होगी कि यह कर्ज पारिवारिक होना चाहिए और किसी अनैतिक या अवैध तरीके से उत्पन्न नहीं हुआ हो।
पिता ने जमीन बेची, बेटे ने कोर्ट में चुनौती दी
मामले के अनुसार, 1962 में एक व्यक्ति ने लुधियाना तहसील में अपनी 164 कैनाल जमीन बेच दी थी। उनके पुत्र ने इस निर्णय को अदालत में चुनौती दी और कहा कि वे भी इस संपत्ति में हकदार हैं, इसलिए पिता की अनुमति के बिना वे इस पैतृक संपत्ति को बेच नहीं सकते। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने पुत्र के पक्ष में फैसला दिया और बिक्री रद्द कर दी। ऋण चुकाने के लिए जमीन बेची गई थी, जब मामला अपील अदालत में पहुँचा। पहले वाली कोर्ट का फैसला अपील कोर्ट ने पलट दिया। बाद में मामला हाईकोर्ट चला गया, जहां 2006 में यह निर्णय बरकरार रखा गया। इस मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भी यही निर्णय दिया और कहा कि परिवार का मुखिया कानूनी आवश्यकतानुसार संपत्ति को बेच सकता है।
जाने किन परिस्थितियों में परिवार का मुखिया पैतृक संपत्ति बेच सकता है
इस तरह की संपत्ति को पैतकृ कर्ज चुकाने के लिए बेचा जा सकता है (ancestral property kb bech skte hai)। हिस्सेदार और पुत्र इस पर दावा नहीं कर सकते थे, न ही कोर्ट में चुनौती दे सकते थे। यदि संपत्ति पर सरकारी देनदारी रहती है, तो परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों का पालन-पोषण करने के लिए मुखिया पैतृक संपत्ति बेच सकता है। वह अपने पुत्रों के विवाह, उनकी पुत्रियों के विवाह, परिवार के समारोह या अंतिम संस्कार के लिए संपत्ति पर चल रहे मुकदमे के खर्च को उठाने के लिए भी अपनी पैतृक संपत्ति बेच सकता है। साथ ही, संयुक्त परिवार के मुखिया के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे में बचाव के लिए पैतृक संपत्ति को बेचा जा सकता है।