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UP के इस जिले में 14 गांवों की जमीन खरीद बिक्री पर लगी रोक, जानिए क्या है कारण

UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले में डूब क्षेत्र में हो रहे अनियंत्रित विकास को रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है। इसके चलते प्रशासन की तरफ से 14 गांव में जमीन खरीद बिक्री पर रोक लगा दी गई है। अब इन गांव में जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी। 

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UP के इस जिले में 14 गांवों की जमीन खरीद बिक्री पर लगी रोक, जानिए क्या है कारण

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के एक जिले में डूब क्षेत्र (flood-prone area) में हो रहे अनियंत्रित और अवैध विकास को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। इसके तहत प्रशासन ने 14 गांवों में भूमि खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री पर अस्थायी रोक लगा दी है। प्रशासन ने राप्ती नदी के डूब क्षेत्र में जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है।  लहसड़ी-मलौली बांध के किनारे के 14 गांवों की रजिस्ट्री तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है। डीएम की रिपोर्ट के बाद एडीएम एफआर ने सदर तहसील और रजिस्ट्री कार्यालय को भी इस आदेश से अवगत कराया है।

इस बंधे की शुरुआत महेवा से हुई है और इसमें कई गांवों (महेवा, मंझरिया बिस्टौली, अजवनिया, कठउर, लहसड़ी) में नदी के छोर पर भारी निर्माण हुआ है। नदी की ओर भी इन गांवों के किसानों की जमीन है, जिसे जमीन के धंधेबाज प्लाटिंग कर तेजी से बेच रहे हैं। नदी और बांध के बीच लगभग 50 घर बनाए गए हैं। बीते जुलाई में डीएम कृष्णा करुणेश ने बंधे के निरीक्षण के दौरान अवैध प्लाटिंग और बने मकानों की जांच की तो पता चला कि धंधेबाजों ने लहसड़ी, मंझरिया बिस्टौली, कठउर, सेंदुली-बेदुली, अजवनिया, महेवा सहित कई गांवों में नदी की तरफ की जमीन बेच दी है। बहुत से लोग सस्ती जमीन खरीदकर घर बनाए। कुछ लोग नींव डलवाकर घर बनाने वाले हैं।

हार्बर्ट बांध से सटे दस गांवों पर पहले से ही रोक लगा दी गई है

राप्ती व रोहिन नदी के बीच डूब क्षेत्र में हो रहे अनियंत्रित विकास को रोकने के लिए दो साल पहले प्रशासन ने दस गांवों (डोमिनगढ़, नरसिंहपुर एहतमाली, मुंडेरी चक, हनुमान चक, बसंतपुर एहतमाली और बसंतपुर खास) की जमीन की रजिस्ट्री पर सशर्त रोक लगा दी थी। उन गांवों में जमीन की बिक्री के लिए जिला विकास प्राधिकरण (जीडीए) से अनुमोदन लेना होगा। एनओसी में उल्लेख करना चाहिए कि रजिस्ट्री कराई जा रही भूमि आवासीय, व्यावसायिक या वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उपयुक्त है, और प्राधिकरण को मानचित्र स्वीकृत करने में कोई समस्या नहीं होगी। यदि कृषि उपयोग के लिए जमीन ली जा रही है, तो सिंचाई विभाग के संबंधित खंड, बाढ़ खंड, बाढ़ खंड दो और ड्रेनेज खंड से एनओसी प्रस्तुत करना होगा। एनओसी में बताना चाहिए कि ली जा रही भूमि कृषि के लिए उपयुक्त है या नहीं।

14 की गांवों जमीनों की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध

नदी के डूब क्षेत्र में घर बनाने से नदी का बहाव प्रभावित होता है। बांध का रखरखाव भी कठिन है। शहर का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित होगा। डूब क्षेत्र में घर बनाने वालों को हर साल बाढ़ सीजन में मुश्किल होती है। यही कारण है कि डूब क्षेत्र में 14 की गांवों जमीनों की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। नदी के डूब क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का पता चला तो बांध और नदी के बीच की जमीन की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मलौली बांध के किनारे के गांवों में जमीनों की रजिस्ट्री पर भी रोक लगा दी गई है, जो हार्बर्ट बांध के किनारे की पहले ही थी।

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