Cheque Bounce: चेक बाउंस होने पर जेल, डबल जुर्माना या कोर्ट फीस? जानिए इसमें से क्या होगा

TheChopal: चेक से जुड़ी भुगतान प्रक्रिया को साफ-सुथरा और भरोसेमंद बनाने के लिए चेक बाउंस के नियम अब पहले से सख्त कर दिए गए हैं। ये नियम इसलिए कड़े किए गए हैं ताकि किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके। अगर आप भी चेक से पैसे का लेन-देन करते हैं, तो आपके लिए यह खबर जरूरी है। चेक बाउंस से जुड़े नियमों में अब कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और इनका ग्राहकों पर क्या असर होगा।
जानबूझकर चेक बाउंस पर कड़ी सजा
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी को बाउंस चेक देता है, तो अब उसे दो साल तक की जेल हो सकती है। इसके साथ ही उसे चेक की रकम से दोगुना जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
मामले की जल्दी सुनवाई
पहले चेक बाउंस के केस कोर्ट में काफी समय तक चलते थे, लेकिन अब कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई तेज़ी से की जाएगी। मद्रास हाईकोर्ट ने इस प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाने के लिए खास निर्देश दिए हैं।
शिकायत दर्ज करने के लिए ज्यादा समय
पहले चेक बाउंस की शिकायत दर्ज करने के लिए एक महीने का समय मिलता था। अब इस समय को बढ़ाकर तीन महीने कर दिया गया है। इससे पीड़ित व्यक्ति को कोर्ट में शिकायत दर्ज करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। इन नए नियमों से चेक के ज़रिए लेन-देन करने वाले लोगों को ज़्यादा सुरक्षा मिलेगी और धोखाधड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
अब ऑनलाइन भी कर सकेंगे शिकायत
अब नए नियमों के तहत चेक बाउंस से जुड़ी शिकायतें ऑनलाइन मोड से भी की जा सकती हैं। साथ ही, ऐसे मामलों में डिजिटल सबूतों (जैसे ईमेल, मैसेज आदि) को भी अहम माना जाएगा। इससे शिकायत दर्ज कराने में लोगों को आसानी होगी। नए नियमों के अनुसार अब सभी बैंकों के लिए एक जैसी प्रक्रिया लागू कर दी गई है। यानी अगर चेक किसी भी बैंक से जुड़ा हो, तो उस पर एक जैसा एक्शन लिया जाएगा।
24 घंटे के अंदर मिलेगी जानकारी
अगर अब चेक बाउंस होता है, तो 24 घंटे के भीतर ही बैंक खाताधारक और चेक पाने वाले दोनों को SMS और ईमेल के ज़रिए जानकारी देगा। इसमें यह भी बताया जाएगा कि चेक बाउंस क्यों हुआ।
बार-बार चेक बाउंस होने पर अकाउंट हो सकता है फ्रीज़
नए नियमों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति का चेक लगातार तीन बार बाउंस होता है, तो बैंक उस व्यक्ति का खाता अस्थायी रूप से फ्रीज़ कर सकता है। यह कदम भुगतान व्यवस्था में अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
चेक बाउंस होने से कैसे बचें?
कई बार चेक बाउंस पैसों की कमी या गलत जानकारी की वजह से हो जाता है। अगर आप चेक बाउंस होने से बचना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें: खाते में पर्याप्त पैसे रखें, चेक देने से पहले अपने अकाउंट में इतना बैलेंस जरूर रखें कि चेक क्लियर हो सके। चेक पर तारीख और जिसे चेक दिया जा रहा है उसका नाम साफ-साफ और सही तरीके से लिखें। चेक भरने के लिए अच्छी क्वालिटी की पेन या स्याही का उपयोग करें। कभी भी खराब, फटा या गंदा चेक इस्तेमाल न करें। चेक पर दो लाइन खींचकर "Account Payee" जरूर लिखें ताकि वह सीधे सामने वाले के खाते में जाए। समय-समय पर अपना बैंक बैलेंस और स्टेटमेंट चेक करते रहें ताकि किसी गलती से चेक बाउंस न हो। अगर किसी वजह से चेक की रकम समय पर नहीं दी जा सकती, तो जिसे चेक दिया है उसे पहले ही इसकी जानकारी दें। इन बातों को ध्यान में रखकर आप चेक बाउंस की परेशानी से बच सकते हैं।
अगर किसी व्यक्ति का चेक बाउंस होता है, तो यह एक कानूनी अपराध माना जाता है। यह मामला नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत आता है। इस कानून के अनुसार, अगर कोई जानबूझकर या लापरवाही से ऐसा करता है, तो उसे दो साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा, उस पर चेक की रकम के दोगुने तक जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही कोर्ट फीस और वकील का खर्च भी दोषी व्यक्ति को देना पड़ता है। इतना ही नहीं, चेक बाउंस के मामले में 100 रुपये से लेकर 750 रुपये तक का अतिरिक्त जुर्माना भी वसूला जा सकता है। इसलिए चेक से लेन-देन करते समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी है, ताकि किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।