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ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी कर रहे भारतीय छात्रों को बड़ा झटका, संख्या पर लगाई गई रोक

ऑस्ट्रेलिया में जाकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या पर वहां की सरकार ने रोक लगाने का फैसला किया है. जिससे भारतीय छात्रों की परेशानी बढ़ गई है.
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ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी कर रहे भारतीय छात्रों को बड़ा झटका, संख्या पर लगाई गई रोक

Australia Migration Limit : विदेश जाकर पढ़ाई करने की सोच रहे भारतीय छात्रों को ऑस्ट्रेलिया ने बड़ा झटका दिया है. वहां की सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर रोक लगाई गई है. ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा ये घोषणा की गई है कि 2025 तक अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन की संख्या को 2,70,000 तक सीमित रखेगा. पहले ये संख्या 5.10 लाख थी. इस घोषणा के बाद ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. संख्या को सीमित करने का कारण प्रॉपर्टी की बढ़ती हुई कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए किया गया है.

अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या घटने की तैयारी

भारत से बड़ी संख्या में पढ़ने के लिए हर साल बड़े स्तर पर छात्र ऑस्ट्रेलिया जाते हैं. उनके लिए यह बड़ा झटका है. ऑस्ट्रेलिया सरकार में शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि, कोरोना महामारी से पहले के मुकाबले हमारे यहां के विश्वविद्यालय और व्यावसायिक संस्थानों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. एक जानकारी के मुताबिक, बढ़ती हुई संख्या को नियंत्रण में लाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों में देश और राज्यों के आधार पर कोटा भी निर्धारित किया है.

वीजा फीस हुई दुगनी

वर्ष 2022 में दूसरे देशों से आने वाले छात्रों की संख्या ऑस्ट्रेलिया में 5.10 लाख थी. परंतु वहाँ की सरकार अब इसको घटाने की तैयारी कर रही है. ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने के लिए पहुंचने वाले छात्रों वीजा फीस भी बढ़ जाएगी. मौजूदा समय में छात्रों के लिए 710 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर वीजा फीस है. परंतु अब इसको बढ़ाकर 1600 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर किया गया है. वीजा शुल्क बढ़ाने का कारण यहां आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में कमी लाना है.

इमीग्रेशन दर रिकॉर्ड स्तर पर

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने के लिए कनाडा ब्रिटेन अमेरिका जैसे देशों के छात्र भी पहुंचते हैं. परंतु इनमें सबसे ज्यादा संख्या भारतीय छात्रों की है. 2023 में इमीग्रेशन दर 60% बढ़ोतरी के साथ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. इस बढ़ोतरी के बाद वहां आव्रजन 5,48,800 हो गया. यह वृद्धि भारत फिलिपींस और चीन के छात्रों की वजह से हुई.