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Rajasthan में ऊंट पालकों की हुई मौज, इस योजना के तहत मिलेगें इतने रुपये

Rajasthan: राजस्थान में ऊंटों की तेजी से घटती संख्या को देखते हुए उन्हें राज्य पशु की श्रेणी में शामिल किया गया। इसके लिए राजस्थान सरकार ने "ऊंट संरक्षण योजना" बनाई।

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Rajasthan में ऊंट पालकों की हुई मौज, इस योजना के तहत मिलेगें इतने रुपये

Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने जनता को राहत देने के लिए एक के बाद एक निर्णय लिए हैं। सरकार ने "ऊंट संरक्षण योजना" के अंतर्गत राज्य में ऊंटों की देखभाल करने वाली दूसरी किस्त को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत ऊंट पालकों को भी पैसे मिल रहे हैं। योजना के तहत, मादा ऊंटनी और उसके बच्चे को एक साल पहले पशु चिकित्सक से पहचान पत्र और टैग लगाया गया था। ऊंट पालकों को इसके बाद पांच हजार रुपये भी दिए गए। राजस्थान सरकार की "उष्ट्र संरक्षण योजना" के तहत अब ऊंट पालकों को ऊंट के बच्चे के एक साल पूरे होने पर पांच हजार रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाती है।

आवेदन के लिए क्या करना होगा?

इसमें ऊंट पालकों को एक साल पहले लगाए गए टैग को पशु चिकित्सा से फिर से प्रमाणित करना होगा और पशु चिकित्सक से टैग वाले ऊंट का फोटो पोर्टल पर अपलोड करना होगा। टैग की संख्या को एक साल पहले जिला मुख्यालय से खींची गई तस्वीर से मिलान किया जाएगा। टैग संख्या सही पाए जाने पर ऊंट पलकों को दूसरी किस्त दी जाएगी।

2014  में शुरू हुई थी "ऊंट संरक्षण योजना

राजस्थान सरकार की "ऊंट संरक्षण योजना" के तहत नवजात टोडियो भी पहली किस्त के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए ऊंट पलकों को ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इस योजना से ऊंट पलकों को धन मिल सकेगा। राजस्थान में ऊंटों की संख्या तेजी से घट रही है, इसलिए 2014 में उन्हें राज्य पशु की श्रेणी में शामिल किया गया। इसके लिए राजस्थान सरकार ने "ऊंट संरक्षण योजना" बनाई। 2019 में योजना को बंद कर दिया गया था, लेकिन राज्य सरकार ने 2023 के बजट में इसे फिर से शुरू किया।

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