UP के इस जिले को सीएम योगी ने दी 60 करोड़ का तोहफा, BRD मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास
UP News : सीएम योगी ने गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज को 60 करोड़ रुपये का अनुदान दिया। प्रशासनिक भवन का शिलान्यास भी सीएम योगी ने किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन सरकार की कोशिशों..।
Uttar Pradesh : सीएम योगी ने गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज को 60 करोड़ रुपये का अनुदान दिया। प्रशासनिक भवन का शिलान्यास भी सीएम योगी ने किया। CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन सरकार की कोशिशों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस छह-सात वर्षों में नियंत्रित और समाप्त हो गया है। इसे समाप्त करने की एकमात्र घोषणा बाकी है। देश और दुनिया में इंसेफेलाइटिस नियंत्रण का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। तैयार किए गए इस सफलतम मॉडल का केंद्र गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज है, जो स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
CM योगी गुरुवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट के उद्घाटन और 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह नियंत्रित करने में सफल हुए हैं, जिससे हर साल बारह सौ से पंद्रह सौ मौतें होती थीं। हम स्वभाविक रूप से उसके लिए मैनपावर और संसाधन को अन्य लोगों को स्वास्थ्य की गुणवत्ता देने में भी उपयोग कर रहे हैं।
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मॉडल बनाने के लिए मीडिया को ट्रायल करना पड़ा
CM Modi ने कहा कि 1977-78 से 2017 तक सरकारें इंसेफेलाइटिस को खत्म करने का विचार नहीं करती थीं। 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर मैंने इसके उन्मूलन का मॉडल बनाने पर विचार किया। इस दौरान, उन्होंने कुशीनगर में मुसहरों के बीच जाकर स्वच्छता अभियान चलाया। उन्हें साबुन का उपयोग करने के तरीके सिखाए। बाद में मुझ पर तीन दिन का मीडिया अभ्यास हुआ। मुख्यमंत्री गरीबो को साबुन बांटते हुए मीडिया में हंसी उड़ाई गई। लेकिन ट्रायल करने वाले मीडियाकर्मी भी साबुन और स्वच्छता का महत्व समझ गए जब कोरोना आया।
सफाई खुद में कई रोगों की रोकथाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता कई बीमारियों को दूर करती है। जब यह मिशन मोड में बढ़ाकर इंसेफेलाइटिस को खत्म करने की कोशिश की गई, तो परिणाम सामने आया। 1997-98 से 2017-2017 तक देखा परिणाम बीमारी का उच्चतम स्तर भी देखा गया और आज भी समाप्त हो गया है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने काफी गिरावट देखी है
CM योगी ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज का गौरवशाली इतिहास बताया। इस मेडिकल कॉलेज ने भी कई गिरावट झेली हैं। वह भी समय देखा है जब इस मेडिकल कॉलेज में संसाधनों की कमी थी और पूर्वी यूपी का अकेला स्वास्थ्य केंद्र था। वह डॉक्टर, पैरामेडिक, नर्सिंग स्टाफ या अन्य आवश्यक कर्मचारी नहीं थे। 1997-98 में इस मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं मिली। तब अधिक मेहनत करनी पड़ी।
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1998-99 में, एमसीआई ने मान्यता को एक प्रकार से वापस ले लिया। बाद में मैं दिल्ली गया, तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री को शपथ दिलवाया कि हम यहाँ की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। तब कहा गया कि इस पूर्वी उत्तर प्रदेश में बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य सेवाओं का बैकबोन है। सब कुछ बंद हो जाएगा जब हम इसे बंद कर देंगे। इंसेफेलाइटिस से होने वाली हजारों मौतों को नियंत्रित करना कठिन होगा।
बीआरडी की प्रतिस्पर्धा एम्स गोरखपुर से
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। यह बहुत आगे बढ़ गया है। अब एम्स गोरखपुर से मुकाबला करना होगा। दोनों में गुणवत्ता है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज और एम्स गोरखपुर भी एसजीपीजीआई लखनऊ और एम्स दिल्ली की तरह एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी होंगे अगर आप कुछ करेंगे। इसके लिए दोनों को ज्ञान मिलना चाहिए।