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नई रेललाइन के लिए 12 गांवों को बंटा मुआवजा, 52 किलोमीटर लंबी लाइन पर खर्च होंगे 958 करोड़ रुपए

Uttar Pradesh Latest News : उत्तर प्रदेश के एक जिला मुख्‍यालय जल्‍द रेल लाइन से जुड़ने वाला है। इस लाइन के बनने के बाद गोंडा-गोरखपुर रूट पर ट्रेनों का दबाव कम होगा, जिससे इन जिलों के अलावा आसपास के यात्रियों को भी राहत मिलेगी। साथ ही उत्‍तर भारत से पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों के लिए एक और रेल लाइन विकल्‍प के रूप में मिलेगी।
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नई रेललाइन के लिए 12 गांवों को बंटा मुआवजा, 52 किलोमीटर लंबी लाइन पर खर्च होंगे 958 करोड़ रुपए
Maharajan Latest News : उत्तर प्रदेश में आनंदनगर-घुघली वाया महराजगंज रेल लाइन के प्रोजेक्ट में तेजी आ गई है। इस क्रम में 20 गांवों की 71। 5 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण के लिए प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। आपत्तियां मांगी गई हैं, जल्द ही अंतिम अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी। घुघली वाया महराजगंज नई रेल लाइन जिले के 53 गांव से गुजरेगी। इसके लिए रेलवे कुल 194 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत होनी है।

तीन गांवों के किसानों को मुआवजा वितरण के बाद अब आगे के 12 गांवों के 444 किसानों की भूमि का अवार्ड किया गया है। इन किसानों काे कुल 105 करोड़, 13 लाख, 21 हजार 953 रुपये का मुआवजा दिया जाना है। रेलवे की ओर से फाइल को अनुमति देने के बाद जल्द ही इसका वितरण शुरू हो जाएगा।

आनंदनगर-घुघली वाया महराजगंज नई रेल लाइन के लिए अभी तक 12 गांव में 1 अरब 17 करोड़ 36 लाख 30 हजार 46 रुपये में अभी तक 93 एकड़ जमीन अधिग्रहीत हो चुकी है। इसमें से 61 करोड़ 39 लाख 20 हजार 808 रुपया का मुआवजा किसानों में वितरित हो चुका है। 55 करोड़ 97 करोड़ 9 लाख 238 रुपये का मुआवजा वितरण के लिए प्रक्रिया चल रही है।

रेलवे मंत्रालय ने पूर्वोत्तर रेलवे की नई रेल लाइन आनन्दनगर-घुघली वाया महराजगंज को स्वीकृति प्रदान की है। 52। 7 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के लिए 958। 27 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। यह नई रेल लाइन आनन्दनगर से महराजगंज होते हुए घुघली रेलवे स्टेशन जाएगी।

बेहतर होगी कनेक्टिविटी, कृषि उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

इस नई रेल लाइन से इंडो-नेपाल बॉर्डर के सीमावर्ती जिला महराजगंज का विकास होगा। कृषि बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण लघु कृषि उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। यह रेल लाइन महराजगंज को भी बेहतर कनेक्टिविटी देगी। जिले की सीमा से दो रेल लाइन गुजरी हैं लेकिन जिला मुख्यालय रेलवे से नहीं जुड़ा था। लंबे अर्से से इसकी मांग की जा रही थी।

यह लाइन बनने से उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों को पूर्वोत्तर के राज्यों को एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा व गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर यातायात का दबाव कम होगा। इस रेल लाइन के निर्माण के बाद पनियहवा से लेकर गोंडा तक की दूरी 42 किलोमीटर कम हो जाएगी।

अभी गोंडा से पनियहवा वाया आनन्दनगर, गोरखपुर, गोरखपुर कैंट, घुघली होते हुए कुल दूरी 307 किलोमीटर है, जो घटकर 265 किलोमीटर रह जाएगी। इस प्रोजेक्ट में सिविल कार्य के लिए 875। 30 करोड़ रुपये, सिग्नल व टेलीकॉम कार्य के लिए 18। 17 करोड़ और इलेक्ट्रिकल कार्य के लिए 64। 26 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं।