क्या आप जानते है Home Loan के ये हिडन चार्जेज? जान ले वरना लग जाएगी चपत
Home Loan - अगर आप भी होम लोन लेने की प्लानिंग कर रहे है तो इस खबर को एक बार जरूर पढ़ ले। दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में बैंक वाले होम लोन लेने पर आखिर कैसे चुपके-चुपके हिडन चार्ज लगा देते है। इनके बारे में विस्तार से बताने जा रहे है...

The Chopal News :- अपने घर का सपना पूरा करने में अब होम लोन (Home Loan) एक बड़ा सहारा बन गया है. होम लोन लेने वाले ज्यादातर व्यक्ति ब्याज और प्रोसेसिंग फीस (Home Loan Processing Fee) के बारे में ही जांच-पड़ताल करते हैं. वे बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले बहुत से चार्जेज के बारे में कोई जानकारी लोन लेने से पहले नहीं लेते. ये हिडेन चार्जेज (Home Loan hidden charges) ग्राहक की जेब पर काफी भारी पड़ते हैं. ऐसे में ग्राहकों के पास इनकी जानकारी होना जरूरी है. अगर इन चार्जेज को ध्यान से नहीं समझा जाए तो होम लोन घाटे का सौदा साबित हो सकता है.
हिडन चार्जेज और इनकी दर, अलग-अलग बैंकों में भिन्न-भिन्न है. हो सकता है कि एक बैंक किसी सेवा के नाम पर कोई चार्ज ले रहा हो, जबकि दूसरा वही सर्विस नि:शुल्क उपलब्ध करा रहा हो. इसलिए होम लोन लेने से पहले ब्याज और प्रोसेसिंग फीस के साथ ही बैंकों की अन्य चार्जेज की तुलना जरूर कर लेनी चाहिए.
लॉगिन फीस-
बैंकबाजार डॉट.कॉम के अनुसार लॉगिन फीस (Login Fee) जिसे एडमिनिस्ट्रेटिव शुल्क या आवेदन शुल्क भी कहा जाता है. कुछ बैंक ऋण के लिए आवेदन करने पर, आपके ऋण स्वीकृत होने से पहले ही कुछ पैसा वसूलते हैं. यह फीस आमतौर पर 2,500 रुपये से लेकर 6,500 रुपये तक होती है. आपका लोन स्वीकृत होने पर यह राशि आपकी प्रोसेसिंग फीस में से घटा दी जाती है. अगर ऋण स्वीकृत न हो तो लॉगिन फीस वापिस नहीं मिलती.
प्रीपेमेंट चार्ज-
इसे फोरक्लोजर चार्ज और प्रीक्लोजर चार्ज भी कहा जाता है. यह शुल्क तब लागू होता है जब आप अवधि समाप्त होने से पहले अपने होम लोन का पूरा भुगतान कर देते हैं. यह बकाया राशि के 2% से 6% के बीच होता है.
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कनवर्जन चार्जेज-
इसे स्विचिंग चार्जेज भी कहा जाता है. यह तब लागू होता है जब आप अपने फ्लोटिंग-रेट पैकेज को फिक्स्ड-रेट पैकेज या फिर फिक्स्ड-रेट पैकेज को फ्लोटिंग रेट में बदलते हैं. यह आम तौर पर बची हुई लोन राशि के 0.25 फीसदी से 3 फीसदी तक हो सकता है.
रिकवरी चार्जेज-
यह चार्ज तब वसूला जाता है जब लोन लेने वाला ईएमआई का भुगतान नहीं करता है और उसका खाता डिफ़ॉल्ट हो जाता है और बैंक को उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करनी पड़ती है. इस प्रक्रिया में जितना पैसा खर्च होता है, वो ग्राहक से वसूला जाता है.
लीगल फीस-
संपत्ति का मूल्यांकन हो या विभिन्न दस्तावेजों का सत्यापन, बैंक इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं. इस काम के बदले इन्हें फीस दी जाती है. इसीलिए बैंक होम लोन पर लीगल फीस भी लागू करते हैं.
निरीक्षण शुल्क-
जिस संपत्ति के लिए होम लोन लिया जाएगा उसके बाजार मूल्य का आकलन करने के लिए बैंक तकनीकी विशेषज्ञों की नियुक्ति करते हैं. ये विशेषज्ञ कई मापदंडों पर संपत्ति का मूल्यांकन करते हैं. बैंक इसके लिए अलग से चार्ज करते हैं.
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