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Forecast Accurate: फरवरी में 100 फीसद रहा मौसम का पूर्वानुमान, जून में भविष्यवाणी कमजोर , क्यू होता हैं ऐसा

जब-तब आम लोगों के बीच अच्छे मौसम पूर्वानुमान हंसी का विषय बन जाते हैं, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि पूर्वानुमान हमेशा नहीं, कभी-कभी ही गलत निकलते हैं। मौसमी परिस्थितियां कभी-कभी पूरी तरह से सटीक होती हैं, तो कभी-कभी कुछ पूर्वानुमान गलत हो जाते हैं।
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Weather forecast was 100 percent in February, forecast was weak in June, why does this happen?

The Chopal - जब-तब आम लोगों के बीच अच्छे मौसम पूर्वानुमान हंसी का विषय बन जाते हैं, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि पूर्वानुमान हमेशा नहीं, कभी-कभी ही गलत निकलते हैं। मौसमी परिस्थितियां कभी-कभी पूरी तरह से सटीक होती हैं, तो कभी-कभी कुछ पूर्वानुमान गलत हो जाते हैं। राजधानी में जून का मौसम पूर्वानुमान करना सबसे मुश्किल होगा, मौसम विभाग का कहना है। हालाँकि, फरवरी में पूर्वानुमान सबसे सटीक हैं। हाल ही में मौसम विभाग ने अपने सभी पूर्वानुमानों का विश्लेषण करके इसकी रिपोर्ट भी जारी की है।

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मानसून के दौरान मौसम विभाग का पूर्वानुमान

रिपोर्ट के अनुसार, मौसम विभाग साल भर में हर दिन पूर्वानुमान देता है। लेकिन, मानसून की दस्तक के समय सबका ध्यान मौसम विभाग पर होता है। जब लोग अप्रैल, मई और जून के पहले पखवाड़े की गर्मियों के बाद मानसून के आगमन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, तभी सबसे अधिक मुश्किल होता है कि पूर्वानुमान करें।

फरवरी का पूरी तरह से सटीक पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने कहा कि इस बार जून महीने में सिर्फ 73% पूर्वानुमान सही रहे हैं। दूसरी ओर, फरवरी में अनुमान लगाना आसान है। इसलिए फरवरी में पूर्वानुमान 100 प्रतिशत सटीक रहे हैं।

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इसलिए सटीक पूर्वानुमान नहीं हो सकते

जैसा कि प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केंद्र (RMM) के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया, मानसून सीजन जून से शुरू होता है। देश भर में इस दौरान अधिक वर्षा वाले दिन होते हैं। जबकि कुछ दिन सूखे रहते हैं। मानसून की रफ्तार को कई कारक प्रभावित करते हैं। इसी के दौरान पूर्वानुमानों की सटीकता बहुत कम होती है। जबकि फरवरी में मौसम अक्सर एक निश्चित पैटर्न पर बदलता है। इसलिए पूर्वानुमान भी कहीं अधिक सत्य हैं।