Highway : नेशनल हाईवे को कैसे दिया जाता है नंबर , देश का सबसे छोटा व सबसे बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग कौनसा? देखें

The Chopal (New Delhi) : दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क भारत में है। 31 दिसंबर 2023 तक, भारत में 6,331,791 किलोमीटर सड़कों का जाल था। 1,45,240 किमी राष्ट्रिय राजमार्ग है। भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संचालन और देखरेख भारतीय राज्य राजमार्ग प्राधिकरण करता है। इन सड़कों को उनकी विशिष्ट पहचान के लिए विशिष्ट संख्या दी जाती है। उदाहरण के लिए, एनएच-1 अटारी से दिल्ली तक जाता है। वहीं, एनएच-2 असम से मिजोरम में प्रवेश करता है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा राज्य राज्यमार्गों या राज्य हाइवे भी देश के सड़क नेटवर्क में शामिल हैं। भारत में विशाल रोड नेटवर्क है, जिसमें 200 से अधिक नेशनल हाईवे हैं। भारत की सड़क व्यवस्था तीन भागों में विभाजित है। इनमें स्टेट हाईवे, एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे शामिल हैं। केंद्र सरकार नेशनल हाईवे को चलाता है। नेशनल हाईवे मुख्य रूप से दो लेन वाले लंबी दूरी के मार्ग हैं। कुछ राज्यों में चार से छह लेन की सड़कें भी हैं।
प्रदेश सरकार को केंद्र से अनुमति लेनी होगी
राज्य सरकारें राष्ट्रिय राजमार्गों की देखभाल करती हैं। प्रदेश सरकार को केंद्र से अनुमति लेनी होगी अगर किसी राजकीय राजमार्ग या एक्सप्रेसवे को राष्ट्रिय राजमार्ग का दर्जा देना होगा। केंद्र सरकार राज्य राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 2 के अनुसार किसी सड़क को National Highway घोषित करती है। नेशनल हाईवे-1 और नेशनल हाईवे-2 इतनी दूर कैसे हो सकते हैं? उन्हें नाम और संख्या किस आधार पर दी जाती है?
हाईवे को नंबर देना आसान नहीं
नेशनल हाईवे को नंबर देना इतना सरल नहीं है, जितना आम लोग सोचते हैं। राजमार्गों को नंबर देने की प्रक्रिया बहुत अलग है। दिशा के अनुसार उनको संख्या दी जाती है। ऊंचाई वाले क्षेत्र में एनएच की संख्या कम होती है और निचले क्षेत्र में अधिक। उत्तर से दक्षिण की ओर सड़कों को सम संख्या, यानी ईवन नंबर्स दिए जाते हैं। वहीं, नंबर पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए दिखाए जाते हैं। आसान शब्दों में, ऊंचे इलाकों को कम और निचले इलाकों को अधिक संख्या दी जाती है।
इस प्रकार दिया जाता है हाइवै को नंबर
उदाहरण के लिए, एनएच-68 राजस्थान में है और एनएच-2 उत्तर पूर्व भारत में है। इन राजमार्गों से राज्य के कस्बों, जिला मुख्यालयों, महत्वपूर्ण स्थानों और राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े स्थानों को जोड़ा जाता है। राष्ट्रीय राजमार्गों (पूर्व से पश्चिम या पश्चिम से पूर्व) को अलग-अलग ऑड नंबर्स मिलते हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय राजमार्ग-7 उत्तराखंड और पंजाब के बीच है। राष्ट्रीय राजमार्गों को भी उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ते क्रम में संख्या दी गई है। उदाहरण के लिए, जम्मू-कश्मीर में एनएच-1 है। एनएच-11 राजस्थान में भी है।
नेशनल हाईवे एक प्रमुख हाईवे के सहायक होते हैं
देश में कई राज्य राजमार्गों को तीन संख्याएं जोड़ती हैं। जैसे, नेशनल हाईवे एक प्रमुख हाईवे के सहायक होते हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय राजमार्ग-44 में सहायक राजमार्ग 144, 244 या 344 हैं। इसके बाद सहायक राजमार्ग 344-ए या 344-बी शाखाएं भी हो सकती हैं। तीन अंकों में पहला विषम अंक है, तो सड़क पूर्व से पश्चिम की ओर जा रही है। वहीं, पहला अंक सम है तो सड़क उत्तर से दक्षिण की ओर जा रही है।
NHC-7, अब NHC-44, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से जोड़ता है। इसका व्यास 3,745 किमी है। 44ए राजमार्ग है, जो कोचीन से वेलिंगटन को जोड़ता है। इसकी लंबाई सिर्फ छह किमी है।
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