UP में अब घर खरीदारों को नहीं लगेगा चूना, क्यूआर कोड से निकल जाएगी बिल्डर की डिटेल्स
UP RERA QR Code: यूपी रेरा ने हाल ही में परियोजनाओं के पंजीकरण से संबंधित प्रमाणपत्र को नए सिरे से बनाया है। पंजीकरण प्रमाणपत्र में परियोजना का नाम, प्रमोटर्स का नाम, महीने और वर्ष का विवरण, अवधि, शुरुआत और समापन तिथि, प्रमोटर्स और परियोजना का पता शामिल है।
UP RERA QR Code: यूपी में घर खरीदारों को अब QR कोड के माध्यम से बिल्डर की पूरी जानकारी मिलेगी। उन्हें घर खरीदते समय बिल्डर से पूरी जानकारी मिलेगी। इस संबंध में, उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (UPRERA) ने राज्य में आवासीय परियोजनाओं के प्रमोटर्स को निर्देश दिया है कि वे वर्तमान और भावी खरीदारों को क्यूआर कोड के साथ परियोजना पंजीकरण प्रमाणपत्र दें। यूपी रेरा ने हाल ही में परियोजनाओं के पंजीकरण से संबंधित प्रमाणपत्र को नए सिरे से बनाया है। प्रमाणपत्र पर एक QR कोड और प्राधिकरण के सचिव का डिजिटल हस्ताक्षर अंकित है। बताया गया है कि पंजीकरण प्रमाणपत्र में परियोजना का सटीक विवरण है। इसमें परियोजना का नाम, प्रवर्तक का नाम, महीने और वर्ष का विवरण, अवधि, शुरुआत और समाप्ति तिथि, प्रवर्तक और परियोजना का पता शामिल है।
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QR Code से घर खरीदार को मिलेगी ये जानकारी
इसके अलावा, क्यूआर कोड को पंजीकरण की आवश्यक शर्तों से जोड़ा गया है। इन शर्तों में प्रमोटर्स को आवंटियों से मिलने वाली रकम का सत्तर प्रतिशत और परियोजना वित्त से मिलने वाली पूरी रकम को एक अलग बैंक खाते में जमा करने की बाध्यता है। निर्माण और परियोजना भूमि लागत को पूरा करने के लिए इस खाते का प्रयोग किया जाएगा।यूपी रेरा ने आवासीय परियोजनाओं के प्रवर्तकों को निर्देश दिया है कि वे क्यूआर कोड से लैस परियोजना पंजीकरण प्रमाण पत्र को मुद्रित करें और उसे अपने कार्यालय और परियोजना स्थल विपणन कार्यालय में प्रदर्शित करें ताकि संभावित और वर्तमान घर खरीदारों को यह दूर से ही दिखाई दे सके।
क्या मिलेगा फायदा
नियामकीय प्राधिकरण ने कहा कि घर खरीदार प्रमाणपत्र के क्यूआर कोड को अपने मोबाइल फोन से स्कैन कर सकते हैं और परियोजना का विवरण प्राधिकरण के वेब पोर्टल पर देख सकते हैं।यूपी रेरा के चेयरमैन संजय आर भूसरेड्डी ने कहा कि प्राधिकरण का लक्ष्य मानकीकरण, पारदर्शिता और जवाबदेही का एक युग शुरू करना है। इसके अलावा, उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवंटियों को सभी पहलुओं से अवगत कराया जाना चाहिए।भूसरेड्डी ने कहा कि हमने प्रवर्तकों को वेबसाइटों, प्रचार विज्ञापनों, ब्रोशर, होर्डिंगों और सोशल मीडिया पर परियोजना पंजीकरण का क्यूआर कोड इस्तेमाल करने की सलाह दी है।