उत्तर प्रदेश के इस शहर में घरों पर लगे कोड से होगा कूड़े का उठान

The Chopal - वाराणसी नगर निगम हर घर से कूड़ा उठाने के लिए बार कोड लगाएगा। अगले महीने से घरों पर बार कोड लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वार्डों ने निगम प्रशासन को इस संबंध में लगातार शिकायतें दीं। उन्हें देखते हुए क्यूआर कोड लगाया जा रहा है। शहर में चार लाख घर कूड़ा उठाते हैं। इनमें से 2.12 लाख घर गृहकर के क्षेत्र में हैं।
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रामनगर, सूजाबाद, डोमरी समेत शहरी सीमा में शामिल 87 गांवों के हजारों घरों से कूड़ा उठाया जा रहा है। नगर आयुक्त शिपू गिरि ने कहा कि नगर निगम हर घर पर QR कोड लगाने की योजना बना रहा है। कूड़ा गाड़ियां मुख्य सड़कों के दोनों ओर के मकानों पर लगे कोड को स्कैन कर लेंगी। जबकि सफाई कर्मचारी गलियों के मकानों का कोड स्कैन करेंगे। डॉ. एनपी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, ने कहा कि बार कोड बनाने का काम शुरू हो गया है।
गीला और सूखा कचरा निकालने में मदद
डोर-टू-डोर कूड़ा उठान अलग-अलग सूखा और गीला कचरा निकालने में मदद करता है। 2023 के Clean Survey में बानारस को अच्छे अंक दिलाने में यह श्रेणी महत्वपूर्ण है। सर्वेक्षण में अच्छे अंक पाने के लिए सभी वार्डों में सूखा और गीला कचरा अलग करना चाहिए।
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यह व्यवस्था सूरत और इंदौर में लागू है
इंदौर और सूरत, देश के दो सबसे स्वच्छ शहर हैं, जिनमें कूड़ा उठान की निगरानी के लिए बार कोड प्रणाली भी लागू है। महापौर ने पिछले महीने सूरत की व्यवस्था को देखा था, जहां इस व्यवस्था पर चर्चा हुई थी।
योजना दो साल पहले भी बनाई गई थी
नगर निगम ने दो साल पहले भी मकानों पर QR कोड लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ। कूड़ा गाड़ियों पर बार कोड भी लगाए गए थे, लेकिन वे तकनीकी कारणों से नहीं शुरू हो सके।